कोरोना वायरस के कारण बिगड़े अमेरिका-चीन के रिश्ते, ट्रंप ने की अमेरिकी पेंशन निधि निवेश निकालने की पुष्टि
By भाषा | Published: May 15, 2020 11:25 AM2020-05-15T11:25:44+5:302020-05-15T11:25:44+5:30
अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस को लेकर तनाव बढ़ गया है। बता दें कि कोरोना वायरस से निपटने में चीन के रुख पर अमेरिका पहले ही निराशा व्यक्त कर चुका है, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि उनके प्रशासन ने चीन से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश निकालने के लिए कहा है और इसी तरह के अन्य कदमों पर विचार किया जा रहा है।
वॉशिंगटन:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि उनके प्रशासन ने चीन से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश निकालने के लिए कहा है और इसी तरह के अन्य कदमों पर विचार किया जा रहा है। कोरोना वायरस (Donald Trump) के प्रकोप के बाद अमेरिका और चीन के संबंध बिगड़ गए हैं। अमेरिका ने कोरोना वायरस से निपटने में चीन के रुख पर निराशा व्यक्त की है।
कोरोना वायरस अब तक अमेरिका में 80,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। चीन पर बौद्धिक संपदा और अनुसंधान कार्य से जुड़ी जानकारियां चोरी करने का भी आरोप लगाया गया है। ‘फॉक्स बिजनेस न्यूज’ पर जब ट्रम्प से उन खबरों के बारे में पूछा गया कि क्या अमेरिका ने चीनी निवेश से अरबों डॉलर की अमेरिकी पेंशन निधि निकाली हैं, तो राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अरबों डॉलर, अरबों ... हां, मैंने इसे वापस ले लिया।’’
एक अन्य सवाल में, राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या वह अमेरिकी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए चीनी कंपनियों को सभी शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर करेंगे। साक्षात्कारकर्ता ने कहा कि अलीबाबा जैसी चीनी कंपनियों को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन वे उस तरह कमाई की जानकारी साझा नहीं करते, जिस तरह कोई अमेरिकी कंपनी करती है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम इस मामले पर बहुत करीब से ध्यान दे रहे हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है, लेकिन इस मामले में एक समस्या है। मान लीजिए कि हम ऐसा (शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर) करते हैं, ठीक है? तो फिर वे क्या करेंगे? वे लंदन या किसी अन्य स्थान पर इसे सूचीबद्ध कराने जाएंगे।’’ इस बीच, कुछ समाचार रिपोर्टों के अनुसार, चीन उन अमेरिकी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है, जिन्होंने कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने में लापरवाही बरतने को लेकर चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाली मांग संबंधी प्रस्ताव सीनेट में पेश किया है।