Coronavirus: अमेरिका ने चीन में फैलाया कोरोना वायरस!, जानें चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा
By अनुराग आनंद | Updated: March 13, 2020 13:03 IST2020-03-13T13:03:19+5:302020-03-13T13:03:19+5:30
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका को इस मामले में पारदर्शिता अपनाते हुए सूचना सार्वजनिक करना चाहिए।

कोरोना वायरस (फाइल फोटो)
चीन समेत दुनिया भर में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। चीन के बाद अब इटली इस वायरस की वजह से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला देश बन गया है। इटली में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 7,900 मामले सामने आए हैं। जबकि इससे मरने वालों की संख्या 463 हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि दुनिया में अब तक नोवेल कोरोना वायरस निमोनिया के 1 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बिमारी को दुनिया भर के देशों के लिए महामारी घोषित कर दी है।
इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवतक्ता ने ट्वीट कर कहा है कि इस बिमारी को फैलाने में अमेरिका की जिम्मेदारी हो सकती है।
बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ट्वीट कर कहा कि वुहान में कोरोना वायरस फैलाने के लिए अमेरिकी सेना जिम्मेदार हो सकती है। अमेरिका को इस मामले में अपनी जिम्मेदारियां तय करनी होंगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस मामले में पारदर्शिता अपनाते हुए सूचना सार्वजनिक करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह बताना चाहिए कि पहला इस बिमारी से पीड़ित व्यक्ति कब उनके देश में मिला था। इसके साथ ही एक सैन्य कार्यक्रम के दौरान चीन आए अमेरिकी सैनिकों द्वारा इस बिमारी के फैलने की आशंका उन्होंने जताई है।
2/2 CDC was caught on the spot. When did patient zero begin in US? How many people are infected? What are the names of the hospitals? It might be US army who brought the epidemic to Wuhan. Be transparent! Make public your data! US owe us an explanation! pic.twitter.com/vYNZRFPWo3
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) March 12, 2020
झाओ लिजियान से पहले भी एक चीनी अधिकारी ने बिमारी के लिए अमेरिका को बताया जिम्मेदार-
इससे पहले चीन के एक अधिकारी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संभवत: अमेरिेकी सेना ही कोरोना वायरस वुहान लेकर आयी है। दुनिया भर में इस जानलेवा वायरस के तेजी से होते प्रसार की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच जारी वाक् युद्ध के दौरान यह बयान आया है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को अपनी खबर में लिखा कि सूचनाओं के अनुसार, अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) के निदेशक रॉबर्ट रेडफिल्ड ने यह माना है कि फ्लू के कुछ मरीजों की पहचान में संभवत: गलती हुई है और वे कोरोना वायरस से ग्रस्त थे।
खबर में कहा गया है, यह जानलेवा वायरस अमेरिका में फैलता जा रहा है लेकिन अमेरिकी सरकार की प्रतिक्रिया में खामियों के संकेत दिख रहे हैं, इसमें महामारी से जुड़ी सूचनाओं को छुपाने का प्रयास, सामान्य फ्लू और कोरोना वायरस में फर्क नहीं कर पाने में संभावित असफलता, नस्लवाद से प्रेरित बयानों के साथ दूसरों पर दोष मढ़ने की कोशिश है।
रेडफिल्ड की टिप्पणियों का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताओं में से एक जाओ लिजिआन ने आरोप लगाया कि संभवत: अमेरिकी सेना ही कोविड-19 को वुहान लेकर आयी है। चीन में इस वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत का वुहान शहर ही है। हालांकि उन्होंने अमेरिकी सेना के खिलाफ अपने आरोपों पर विस्तार से कुछ नहीं कहा।
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की संख्या बढ़कर 75 हुई
भारत में कोरोना वायरस के नये मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा है कि पूरे भारत में (विदेशी नागरिकों सहित) कोरोना वायरस(COVID-19) के कुल मामलों की संख्या 75 है।
मंत्रालय ने राज्यवार आंकड़े बताते हुए कहा कि दिल्ली में 12 मार्च को कहा था कि कोरोना वायरस के छह मामले सामने आ चुके हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 10 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। कर्नाटक में चार, महाराष्ट्र में 11 और लद्दाख में तीन मामले सामने आ चुके हैं।
मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में एक-एक मामला सामने आया है। केरल में अब तक कोरोना वायरस के 17 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें वे तीन लोग भी शामिल हैं जिन्हें पिछले महीने इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित 75 लोगों में 17 विदेशी नागरिक हैं। इनमें 16 इतालवी हैं। दुनियाभर में फैल रहे कोरोना वायरस के मद्देजनर कैबिनेट सचिव ने कहा है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा दो के प्रावधानों को लागू करना चाहिए ताकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा जारी सभी परामर्श लागू हो सकें।