Coronavirus Cases: ICU में मरीजों की संख्या कम, मानसिक तनाव से गुजर रहे स्वाथ्यकर्मी

By भाषा | Published: April 8, 2020 05:09 PM2020-04-08T17:09:35+5:302020-04-08T17:09:35+5:30

कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी देश को हुआ है तो इटली है। यहां भले ही आईसीयू में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई हो, लेकिन इसके बावजूद इससे निपटने के लिए अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी भावनात्मक और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।

Coronavirus Update Number of patients reduced in ICU in Italy but now undergoing emotional pressure | Coronavirus Cases: ICU में मरीजों की संख्या कम, मानसिक तनाव से गुजर रहे स्वाथ्यकर्मी

इटली में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में कुछ कमी आने के बाद अस्पतालों के आईसीयू में दबाव कम हुआ है। (फाइल फोटो)

Highlightsमरीजों की भारी संख्या के कारण काम के दबाव की वजह से स्वास्थ्यकर्मियों में बढ़ते तनाव के खतरे का भी सामना करना पड़ रहा है।स्वास्थ्यकर्मियों को दो सप्ताह तक वेंटिलेटर पर रहे मरीज को मरते हुए देखने की आदत नहीं है और यह बेहद विनाशकारी मानसिक पीड़ा है।

रोम: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से बुरी तरह प्रभावित इटली में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में कार्यरत मदालेना फेरारी अपना मास्क उतारते हुए आंसू नहीं रोक सकीं। यह मास्क वह अपना कर्तव्य निभाने के दौरान खुद को संक्रमण से सुरक्षित रखने के साथ ही घर में अपने बुजुर्ग माता-पिता को बचाने के लिए पहनती हैं। अपने शयनकक्ष में मास्क हटाने के बाद नर्सिंग समन्वयक इस दिन अस्पताल में जान गंवाने वाले मरीजों के लिए रोने लगीं। फेरारी ने अपनी पारी खत्म करने के बाद कहा, 'हम एक पूरी पीढ़ी खो रहे हैं। उनके पास हमें सिखाने के लिए अब भी बहुत कुछ था।' 

इटली में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में कुछ कमी आने के बाद अस्पतालों के आईसीयू में दबाव कम हुआ है, लेकिन इससे निपटने के लिए अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को भावनात्मक और मानसिक आघात से दो-चार होना पड़ रहा है। इटली में पहले ही दो नर्स आत्महत्या कर चुकी हैं। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों के मानसिक तनाव को कम करने के मकसद से मनोवैज्ञानिक मुफ्त में ऑनलाइन परामर्श दे रहे हैं। 

अलग-अलग अस्पताल छोटे समूह बनाकर कर्मियों के लिए थेरेपी सत्र आयोजित कर रहे हैं, ताकि बड़ी संख्या में मरीजों को मरते देखने वाले कर्मचारियों को मानसिक आघात से उबारा जा सके। शोधकर्ताओं का मानना है कि पिछले करीब सात सप्ताह से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हो चुके इटली में स्वयं ही पृथक वास में रह रहे बहुत से चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी तो अपने परिवार के सामान्य सहयोग से वंचित रहने के कारण भी भावनात्मक दौर से गुजर रहे हैं। 

एक तरफ महामारी से निपटने के साथ दूसरी तरफ वायरस के खतरे और मरीजों की भारी संख्या के कारण काम के दबाव की वजह से स्वास्थ्यकर्मियों में बढ़ते तनाव के खतरे का भी सामना करना पड़ रहा है। चिकित्साकर्मियों पर पड़ने वाले मानसिक प्रभावों को लेकर अध्ययन कर रहे लॉम्बार्डी क्षेत्र की स्वास्थ्य देखभाल प्रशिक्षण अकादमी के निदेशक डॉ एलेसांद्रो कोलंबो ने अपने शुरुआती अनुसंधान में कहा, 'हम दूसरे महीने में प्रवेश कर रहे हैं, लोग शारीरिक और मानिसक रूप से थके हुए हैं।' 

मरीजों के एकाकीपन का चिकित्सकों और नर्सों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मरीजों को बिना रिश्तेदारों और पादरी की मौजूदगी के ही मरने को कहा जा रहा है। फेरारी की एक अन्य सहयोगी मारिया बेरारदली ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को दो सप्ताह तक वेंटिलेटर पर रहे मरीज को मरते हुए देखने की आदत नहीं है और यह बेहद विनाशकारी मानसिक पीड़ा है।

Web Title: Coronavirus Update Number of patients reduced in ICU in Italy but now undergoing emotional pressure

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