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कोरोना के ओमीक्रॉन वेरिएंट की 'पहली तस्वीर' आई सामने, वायरस ने इंसानों के मुताबिक खुद को और ढाला, डेल्टा से ज्यादा म्यूटेशन

By विनीत कुमार | Updated: November 29, 2021 09:51 IST

पूरी दुनिया में चिंता का सबब बने कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर नई जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं के अनुसार वायरस के वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन हैं।

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ठळक मुद्देरोम के प्रतिष्ठित बैमबिनो गेसू अस्पताल ने ओमीक्रॉन वेरिएंट की पहली तस्वीर तैयार की है।शोधकर्ताओं के अनुसार तस्वीर बताती है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा म्य़ूटेशन हैं।साथ ही ये बात भी सामने आई है कि इस वायरस ने खुद को इंसानों के मुताबिक और ढाल लिया है।

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से पूरी दुनिया सकते में हैं। इसे लेकर लगातार शोध जारी है। इस बीच रोम के प्रतिष्ठित बैमबिनो गेसू अस्पताल ने इस वेरिएंट की 'पहली तस्वीरें' प्रकाशित की हैं। इससे पता चलता है कि वायरस के वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन हैं। 

शोधकर्ताओं की टीम ने रविवार के एक बयान में कहा, 'ओमीक्रॉन वेरिएंट के थ्री डायमेंशन वाली 'तस्वीर' जो किसी नक्शे की तरह दिखती है, उसमें हम साफ तौर पर देख सकते हैं कि ओमीक्रॉन वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा म्य़ूटेशन हैं। ये प्रेटिन के एक क्षेत्र में हर जगह है जो मानव कोशिकाओं के संपर्क में आता है।'

शोधकर्ताओं ने कहा, 'इसका ये मतलब नहीं है कि ये बदलाव ज्यादा खतरनाक है, इसका ये मतलब है कि वायरस ने नया वेरिएंट पैदा कर मानव प्रजाति के हिसाब से खुद को और अनुकूल किया है। अन्य शोध बताएंगे कि ये बदलाव प्राकृतिक है, कम खतरे वाला है और ज्यादा खतरनाक है।'

ओमीक्रॉन की तस्वीर को वैज्ञानिकों के पास मौजूद नए वेरिएंट के क्रम की स्टडी के आधार पर तैयार किया गया है। ये स्टडी बोत्सवाना. दक्षिण अफ्रीका और हॉन्ग कॉन्ग से आई जानकारी के आधार पर है। ओमीक्रॉन वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया है। दक्षिण अफ्रीका की ओर से इसकी जानकारी 24 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी गयी थी। भारत में ओमीक्रॉन वेरिएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

ओमीक्रॉन पर WHO भी संशय में

दूसरी ओर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी यह ‘स्पष्ट नहीं है’ कि क्या कोरोना वारयस का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ , डेल्टा स्वरूप समेत अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक है और क्या यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बीमारी का कारण है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमीक्रोन से जुड़े लक्षण अन्य स्वरूपों की तुलना में अलग हैं।’ उसने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप की गंभीरता का स्तर समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लगेगा।

टॅग्स :कोरोना वायरसबी.1.1529
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