वाशिंगटन। कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 1514 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही यहां मृतकों की संख्या भी 22115 हो गई है। संक्रमितों की संख्या की बात करें तो देश में 5,60,433 लोगों को इस जानलेवा वायरस ने अपनी चपेट में ले रखा है। अभी तक 32 634 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, 11766 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है।
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कोरोना वायरस संकट के मददेनजर विश्वविद्यालयों को अचानक बंद कर दिए जाने और जारी लॉकडाउन के चलते फंसे भारतीय छात्रों को जहां हैं वहीं रहने की सलाह दी है और संकट की इस स्थिति में उन्हें मदद का आश्वासन दिया है। संधू ने भारतीय दूतावास की ओर से शनिवार को आयोजित इंस्टाग्राम लाइव सत्र में शामिल करीब 500 भारतीय छात्रों को सुना। इस सत्र का संचालन इंडिया स्टूडेंट हब टीम की ओर से किया गया। अमेरिका में करीब 2,50,000 भारतीय छात्र हैं जिनमें से काफी संख्या में छात्र अचानक विश्वविद्यालयों को बंद किए जाने और छात्रावासों को खाली करने के लिए कहे जाने के बाद से फंसे हुए हैं। देश में महामारी को फैलने से रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा घर पर रहने संबंधी आदेश का भी उन्हें पालन करना पड़ रहा है।
कोविड-19: भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की एक खेप अमेरिका पहुंची
भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की एक खेप शनिवार को अमेरिका पहुंची, जिसे कोविड-19 के उपचार के लिए संभावित दवा के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका और कुछ अन्य देशों की मदद करने के लिए भारत ने कुछ दिन पहले ही मलेरिया-रोधी इस दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध मानवीय आधार पर हटा दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुरोध पर इस हफ्ते की शुरुआत में भारत ने अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 35.82 लाख गोलियों के निर्यात को मंजूरी दे दी है। इसके साथ दवा के निर्माण में आवश्यक नौ टन फार्मास्यूटिकल सामग्री या एपीआई भी भेजी गई है। भारत विश्व में इस दवा का प्रमुख निर्माता है। भारत पूरी दुनिया में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति के 70 प्रतिशत भाग का उत्पादन करता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कोविड-19 के उपचार के लिए संभावित दवा के रूप में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पहचान की है और इसका न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के 1,500 से अधिक रोगियों पर परीक्षण किया जा रहा है। अमेरिकी लोगों ने इस खेप के आगमन का स्वागत किया है। इस बीच, एक नए फ्रांसीसी अध्ययन के अनुसार, अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के 1,061 रोगियों को एंटीबायोटिक के साथ-साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने से 10 दिनों के भीतर उनमें से 91.7 प्रतिशत लोग ठीक हो गए, जबकि 15 दिनों के बाद 96 प्रतिशत लोगों के ठीक होने का दावा किया गया है।