'वुहान लैब में इंटर्न से दुर्घटनावश लीक हुआ था Coronavirua', अमेरिकी मीडिया का दावा
By स्वाति सिंह | Published: April 18, 2020 01:29 PM2020-04-18T13:29:13+5:302020-04-18T13:40:40+5:30
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मंत्रिमंडल कोरोना वायरस से जन्मी महामारी की उत्पत्ति की जांच कराना चाहता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन के वुहान में चमगादड़ों पर हो रहे अनुसंधान से विषाणु की उत्पत्ति हुई।
वाशिंगटन: अमेरिका उन खबरों पर गौर कर रहा है जिनमें दावा किया जा रहा है कि दुनिया भर में 1,50,000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाला नोवल कोरोना वायरसचीन के वुहान शहर की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से “निकला” है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बात कही है। फॉक्स न्यूज ने अपनी विशेष खबर में कहा कि अमेरिका उन दावों की व्यापक जांच कर रहा है कि क्या घातक वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ है।
साथ ही बताया कि खुफिया कर्मी प्रयोगशाला और रोगाणु के शुरुआती प्रकोप के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। कोरोना वायरसचीन की वुहान स्थित प्रयोगशाला से निकला है, इस सवाल पर ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, “हम इस पर गौर कर रहे हैं, कई लोग इसपर गौर कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि इसमें कुछ सच्चाई है।”
समाचार चैनल ने सूत्र के हवाले से कहा कि खुफिया विश्लेषक उन घटनाक्रमों को जुटा रहे है जिसकी सरकार को जानकारी है और ‘‘असल में जो हुआ उसकी सही-सही तस्वीर बना रहे हैं।” ट्रंप ने कहा, ‘‘कई अजीब चीजें हो रही हैं लेकिन बहुत जांच होनी बाकी है और हम सच का पता लगा लेंगे।”
उन्होंने कहा, “मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह कहीं से भी आया हो, चीन से जिस भी रूप में आया हो, इसके कारण अब 184 देश भुगत रहे हैं।” ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका वुहान में चतुर्थ स्तर की एक प्रयोगशाला को दिया जाने वाला अनुदान समाप्त करेगा। राष्ट्रपति ने कहा, “ओबमा प्रशासन ने उन्हें 37 लाख डॉलर का अनुदान दिया था। हम इस राशि को जल्द ही समाप्त करेंगे।” कई सांसदों के एक समूह ने सदन और सीनेट नेतृत्व को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के लिए भविष्य में कोरोना वायरस के संबंध में कोई राहत राशि न दी जाए।
चीन की प्रयोगशाला में हुई होगी कोरोना वायरस की उत्पत्ति: अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मंत्रिमंडल कोरोना वायरस से जन्मी महामारी की उत्पत्ति की जांच कराना चाहता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन के वुहान में चमगादड़ों पर हो रहे अनुसंधान से विषाणु की उत्पत्ति हुई। बीजिंग ने कहा था कि वुहान में जानवरों के बाजार में मनुष्य इस विषाणु से संक्रमित हुआ होगा। लेकिन वाशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज ने गुमनाम स्रोतों के हवाले से बताया कि कोरोना वायरस एक संवेदनशील जैव अनुसंधान केंद्र से दुर्घटनावश बाहर आया होगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने फॉक्स न्यूज से कहा, “हम हर चीज की पूरी जांच कर रहे हैं ताकि हम यह जान सकें कि विषाणु बाहर कैसे आया और दुनियाभर में कैसे फैला और आज इसने अमेरिका और पूरी दुनिया में इतनी तबाही मचाई है और इतने लोगों की जान ली है।” उन्होंने खबरों को दरकिनार नहीं किया और कहा कि अमेरिका जानता था कि वुहान की प्रयोगशाला में अति संक्रामक सामग्री है। पोम्पिओ ने कहा, “खुली मानसिकता वाले और पारदर्शी देश इतने सक्षम होते हैं कि चीजों को नियंत्रण में रख सकें और सुरक्षित रहें। वे बाहरी लोगों को अनुमति देते हैं ताकि वे आश्वस्त हो सकें कि सभी प्रक्रिया सही है।”
उन्होंने कहा, “काश ऐसा यहां भी होता। हमें इसके बारे में और जानकारी होती और हम आज यह भी जान पाते कि वहां क्या हुआ।” चीन की प्रयोगशाला की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा कि उन्हें बहुत सारी कहानियां सुनने को मिल रही हैं और अमेरिका गहन छानबीन कर रहा है। ट्रंप ने लगातार कोरोना वायरस संकट के लिए चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन को जिम्मेदार ठहराया है।
अमेरिकियों को चीन पर मुकदमा करने की मंजूरी देने वाला विधेयक पेश
अमेरिका के दो सांसदों ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस में ऐसा विधेयक पेश करने की घोषणा की जिससे अमेरिकी नागरिक कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण हुई मौत और आर्थिक नुकसान के लिए हर्जाना हासिल करने के लिए संघीय अदालत में चीन पर मुकदमा कर सकेंगे। इस विधेयक को सीनेट में टॉम कॉटन और प्रतिनिधि सभा में डैन क्रेनशॉ ने पेश किया। अगर यह पारित होता है और कानून में तब्दील होता है तो इस महामारी से निपटने में चीन द्वारा हुए नुकसान के लिए विदेशी संप्रभु प्रतिरक्षा अधिनियम में संशोधन करेगा।
इस विधेयक से अमेरिका को चीन पर मुआवजे के लिए मुकदमा करने का अधिकार मिल जाएगा। अगर अमेरिका और चीन इन दावों के निपटारे के लिए समझौता करते हैं तो निजी मुकदमों को खारिज किया जा सकता है। कॉटन ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को आगाह करने की कोशिश करने वाले डॉक्टरों और पत्रकारों को चुप कराकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने विश्वभर में तेजी से विषाणु को फैलने दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वायरस को छिपाने के उनके फैसले से हजारों लोगों की बेवक्त मौत हुई और भारी आर्थिक नुकसान हुआ। यह उचित है कि हम इस नुकसान के लिए चीनी सरकार को जवाबदेह ठहराएं।’’