युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों से दूर रखने को लेकर SCO में सहमत हुए 8 देश, की संयुक्त अपील
By भाषा | Published: June 10, 2018 06:22 PM2018-06-10T18:22:35+5:302018-06-10T18:22:35+5:30
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया।
चिंगदाओ, 10 जून: भारत और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्यों ने रविवार को युवकों के लिए संयुक्त अपील को स्वीकार किया जिसमें वे विस्तृत शैक्षणिक कार्यों के साथ ही आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा का आयोजन करेंगे ताकि युवकों को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथी समूहों की गतिविधियों में संलिप्त होने से रोका जा सके। एससीओ के आठ सदस्य देशों के नेताओं ने दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन चिंगदाओ घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किया। शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के प्रस्ताव पर एससीओ शिखर सम्मेलन में एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की संयुक्त अपील को स्वीकार किया गया। इस पहल की सर्वप्रथम घोषणा उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति ने 2017 में की थी। एससीओ राष्ट्राध्यक्षों के परिषद् के चिंगदाओ घोषणा पत्र में कहा गया है, 'सदस्य देशों ने युवाओं को आतंकवाद , अलगाववाद और चरमपंथी समूहों में संलिप्त होने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के महत्व पर गौर किया है।'
उन्होंने युवकों के लिए संयुक्त अपील को भी स्वीकार किया जिसमें उन्होंने एससीओ में युवा पीढ़ी के लिए व्यापक शैक्षणिक कार्य के साथ ही आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा आयोजित करने की इच्छा जताई है।संयुक्त अपील के महत्व पर एससीओ की राष्ट्रीय समन्वयक मधुमिता हजारिका भगत ने कहा कि शिखर सम्मेलन का यह एक महत्वपूर्ण नतीजा रहा।