कोविड-19 के प्रति सामुदायिक प्रतिरोध क्षमता विकसित होने में समय लगेगा: WHO

By भाषा | Published: July 25, 2020 05:42 AM2020-07-25T05:42:41+5:302020-07-25T05:42:41+5:30

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा के लिए आपको 50 से 60 फीसदी आबादी में प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए ताकि संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।’’

Community resistance to Kovid-19 will take time to develop: WHO | कोविड-19 के प्रति सामुदायिक प्रतिरोध क्षमता विकसित होने में समय लगेगा: WHO

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

HighlightsWHO ने कहा कि वैक्सीन के माध्यम से हम तेजी से प्रतिरोधक क्षमता को समाज में बढ़ा सकते हैं, जिसमें लोग बीमार नहीं पड़ें और मरें नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘कुछ समय में लोगों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगेगी।"जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के कारण अभी तक पूरी दुनिया में एक करोड़ 55 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं।

लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि कोविड-19 के खिलाफ ‘‘हर्ड इम्युनिटी’’ विकसित होने में अभी लंबा वक्त लगेगा और टीका आने के बाद ही इसमें तेजी आएगी। कोविड-19 के खिलाफ बड़ी आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने को ही ‘‘हर्ड इम्युनिटी’’ कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि 50 से 60 फीसदी आबादी को कोरोना वायरस से प्रतिरक्षित होना पड़ेगा तभी इस वायरस के प्रति सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी। जिनेवा से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुक्रवार को आयोजित सोशल मीडिया लाइव कार्यक्रम में वैज्ञानिक ने कहा कि नैसर्गिक प्रतिरोधक क्षमता के स्तर पर पहुंचने के लिए संक्रमण के और दौर की जरूरत होगी।

इसलिए उन्होंने चेतावनी दी कि कम से कम अगले वर्ष या उसके बाद दुनिया में कोरोना वायरस से निजात पाने में ‘‘तेजी आएगी’’, हालांकि वैज्ञानिक टीका बनाने को लेकर काम कर रहे हैं। इस बीच चिकित्सा से मृत्यु दर कम करने में मदद मिलेगी और लोग जीवन जी सकेंगे।

स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा के लिए आपको 50 से 60 फीसदी आबादी में प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए ताकि संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘टीका से ऐसा करना ज्यादा आसान होगा। हम इसे तेजी से पा सकते हैं, जिसमें लोग बीमार नहीं पड़ें और मरें नहीं।

इसलिए हर्ड इम्युनिटी को नैसर्गिक संक्रमण के माध्यम से प्राप्त करना ज्यादा बेहतर है। संक्रमण के कई चरण आएंगे और दुर्भाग्य से हमें लोगों को मरते देखना पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय में लोगों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगेगी। हमें कई प्रभावित देशों में हुए अध्ययनों से पता चलता है कि सामान्य तौर पर आबादी के पांच से दस फीसदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है। कुछ स्थानों पर यह उससे अधिक है, 20 फीसदी तक।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर क्लीनिकल परीक्षण सफल होते हैं और इस वर्ष के अंत तक कुछ टीके आ भी जाते हैं तो हमें अरबों खुराक की जरूरत होगी, जिसमें वक्त लगेगा।’’ टीका विकास के बारे में मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि 200 से अधिक कंपनियां टीका विकास के अलग-अलग चरण में हैं और उन्होंने कोरोना वायरस को समझने में आई तेजी को उजागर किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘टीका का विकास करना सामान्य तौर पर लंबा और श्रमसाध्य प्रक्रिया है... हमारे पास टीका विकसित करने के जितने अधिक उम्मीदवार होंगे, सफलता के उतने अधिक अवसर होंगे।’’ कोविड-19 का टीका कभी विकसित नहीं होने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर डॉ. स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘हमें इस संभावना को स्वीकार करना होगा।

हमें इस वायरस के साथ जीना सीखना पड़ेगा।’’ जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के कारण अभी तक पूरी दुनिया में एक करोड़ 55 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 63 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। डॉ. स्वामीनाथन भारत की बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पूरी दुनिया में तपेदिक और एचआईवी की प्रसिद्ध शोधकर्ता हैं। 

Web Title: Community resistance to Kovid-19 will take time to develop: WHO

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