चीन का अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी (Long March-5B) रविवार सुबह आखिरकार बिना कोई बड़ा नुकसान पहुंचाए धरती पर आ गिरा। चीनी स्पेस एजेंसी के अनुसार उसके रॉकेट का बड़ा हिस्सा हिंद महासागर में गिरा है। चीन की ओर से बताया गया है रॉकेट का अधिकांश हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही नष्ट हो गया था।
इससे पहले ये आशंका जताई जा रही थी कि अगर ये जमीन पर गिरता है तो बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि चीन ने कहा था कि रॉकेट का अधिकांश हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान जल जाएगा और ऐसे में नकुसान की आशंका बिल्कुल नहीं है।
गौरतलब है कि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इसी मंगलवार को कहा कि वह चीन के बड़े रॉकेट पर नजर बनाए हुए हैं, जो नियंत्रण से बाहर हो गया है और इस सप्ताह के अंत में पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर सकता है।
मालदीव-श्रीलंका के पास हिंद महासागर में गिरा चीनी रॉकेट
चीन के साथ-साथ अमेरिकी मिलिट्री डाटा का इस्तेमाल करते हुए अंतरिक्ष की हलचलों पर नजर रखने वाले 'स्पेस ट्रैक' ने भी रॉकेट के पृथ्वी के वायुमंडल में आ जाने की पुष्टि की है। स्पेस ट्रैक ने यूएस स्पेस फोर्स के एक स्कॉवडर्न के हवाले से ट्वीट कहा, 'हमें लगता है कि रॉकेट हिंद महासागर में गिर गया है लेकिन हम @18SPCS से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।'
दरअसल, धरती का 70 फीसदी हिस्सा पानी से घिरा है। ऐसे में अंतरिक्ष से गिरने वाली किसी भी वस्तु के पानी में गिरने की संभावना ज्यादा बनी रहती है। वैसे पिछले साल भी एक और लॉन्ग मार्च रॉकेट का हिस्सा आइवरी के एक गांव में गिरा था। इसमें कुछ नुकसान हुए थे लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ था।
बहरहाल, पहले की अटकलों के अनुसार मौजूदा रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी के मेक्सिको, मध्य अमेरिका, करेबियाई द्वीप, वेनेजुएला, दक्षिण यूरोप, उत्तर या मध्य अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण भारत या ऑस्ट्रेलिया में गिरने की आशंका जताई जा रही थी। यह रॉकेट करीब 100 फुट लंबा और 16 फुट चौड़ा था।