WHO को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने पर भड़का चीनी मीडिया, ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने कही ये बात

By विनीत कुमार | Published: October 10, 2020 09:01 AM2020-10-10T09:01:39+5:302020-10-10T09:01:39+5:30

चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने कोरोना संकट के दौर में WHO को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिए जाने को लेकर नाराजगी जताई है।

Chinese media Global times editor furious over Nobel Peace Prize not given to WHO for covid | WHO को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने पर भड़का चीनी मीडिया, ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने कही ये बात

WHO को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने पर भड़का चीनी मीडिया (फाइल फोटो)

HighlightsWHO को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने पर चीन के सरकार अखबार के एडिटर ने जताई नाराजगीग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने कहा- बेकार है नोबेल शांति पुरस्कार, इसे बंद कर देना चाहिए

कोरोना संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। WHO पर चीन के इशारे पर काम करने के भी आरोप लगते रहे हैं। इस बीच चीनी मीडिया WHO को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिए जाने पर भड़क गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने नोबेल शांति पुरस्‍कार के महत्व पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसे काफी पहले बंद कर देना चाहिए था।

हू शिजिन ने नोबेल शांति पुरस्कारों की घोषणा के बाद ट्वीट किया, 'नोबेल समिति के पास WHO को नोबेल शांति पुरस्कार देने की हिम्मत नहीं है क्योंकि इससे वॉशिंगटन नाराज हो जाएगा। नोबेल शांति पुरस्कार को काफी पहले ही बंद कर देना चाहिए था। ये बेकार है और अमेरिका सहित पश्चिमी हितों को खुश करने में लगा रहता है और बनावटी संतुलन की कोशिश करता है।'

बता दें कि शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा की गई। इस बार ये पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को देने की घोषणा की गई। दुनिया भर में युद्धग्रस्त और मुश्किल इलाकों में भूखमरी से लड़ने के प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के WFP को ये सम्मान दिया गया। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पिछले साल 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों को सहायता पहुंचाई थी। 

संगठन का नेतृत्व लंबे समय से अमेरिकियों के हाथ में है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2017 में इस पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी सदस्य और साउथ कैरोलिना के पूर्व गवर्नर को नामित किया था। गौरतलब है कि इस साल भी शांति नोबेल पुरस्कार के कई दावेदार थे। एक फरवरी को नामांकन की अंतिम तारीख तक 211 हस्तियों और 107 संगठनों को नामांकित किया गया था।

WHO पर भड़का हुआ है अमेरिका

दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका समेत कई देश WHO की भूमिका से नाराज हैं। कोरोना का सबसे ज्यादा कहर झेल रहे अमेरिका ने WHO की फंडिंग भी रोक दी है। 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ऐसे आरोप लगाते रहे हैं कि WHO कोरोना महामारी के सामने आने के बाद से ही चीन के इशारे पर काम कर रहा है और संगठन ने सही जानकारी मुहैया नहीं कराई। ट्रंप ने WHO की तुलना चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर करते हुए कहा कि संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए।

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