मसूद अजहर पर अड़ंगा नहीं लगाएगा चीन, लेकिन ड्रैगन को सता रहा है CPEC का डर

By विकास कुमार | Updated: March 8, 2019 15:41 IST2019-03-08T15:24:32+5:302019-03-08T15:41:42+5:30

MASOOD AJHAR: CPEC प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा खैबर पख्तुन्ख्वा और ख़ास कर बालाकोट से हो कर भी गुजरने वाला है, जो जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है।

China will ban Masood Ajhar this time but afraid of CPEC project in Pakistan | मसूद अजहर पर अड़ंगा नहीं लगाएगा चीन, लेकिन ड्रैगन को सता रहा है CPEC का डर

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Highlightsहाल ही में चीन के विदेश उप मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर गए थे।चीन की चिंता का सबसे बड़ा कारण है पाकिस्तान में सीपेक के रास्ते 62 बिलियन डॉलर का निवेश।चीन का यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान से हो कर गुजर रही हैं जिसके कारण चीन की चिंता बढ़ गई है।

13 मार्च को यूनाइटेड नेशन सिक्यूरिटी काउंसिल के सदस्य देश मसूद अजहर को बैन करने वाले प्रस्ताव पर वोटिंग करने वाले हैं। इसके पहले सबकी निगाहें चीन पर जा टिकीं है क्योंकि पिछले कुछ वक्त से चीन लगातार मसूद अजहर को बचाता आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलवामा हमले के बाद चीन के तेवर थोड़े ढीले पड़े हैं क्योंकि जिस तरह से भारत सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर जैश के खिलाफ माहौल तैयार किया है उससे चीन के लिए इस बार मसूद अजहर का समर्थन करना मुश्किल होगा। चीन ने भी इस बार मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के संकेत दिए हैं। 

मसूद अजहर को लेकर चिंतित चीन 

हाल ही में चीन के विदेश उप मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायु सेना के बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक से हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण चीन चिंतित है। चीन की चिंता का सबसे बड़ा कारण है पाकिस्तान में सीपेक के रास्ते 62 बिलियन डॉलर का निवेश। चीन का यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान से हो कर गुजर रही हैं जिसके कारण चीन की चिंता और बढ़ गई है।

 इस प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा खैबर पख्तुन्ख्वा और ख़ास कर बालाकोट से हो कर भी गुजरने वाला है, जो जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। चीन को डर सता रहा है कि मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के बाद यह सगठन चीन के प्रोजेक्ट्स को निशाना बना सकता है जिससे उसका यह महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट अधर में लटक सकता है। 

सीपीईसी के रास्ते आर्थिक घेरेबंदी (CPEC PROJECT)

चीन का प्रभुत्व जिस तरह से पाकिस्तान में बढ़ रहा है उसने दुनिया के बाकि देशों को चकित कर दिया है। सीपीईसी में अस्सी फीसदी पैसा चीन का लगा है जिसमें 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट पूरे भी हो चुके हैं। पाकिस्तान चीन के कर्ज में बुरी तरह फंस चूका है जिसका खामियाजा देश को आने वाले दिनों में भुगतना पड़ सकता है। सीपीईसी प्रोजेक्ट्स के तहत जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाला निर्माण सामग्री और मशीनें चीन से ही आयात की जा रही हैं, जिसके कारण पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होता जा रहा है। यहीं नहीं पाकिस्तान चीन में अपने मजदूरों और लोगों के लिए ग्वादर शहर में एक कॉलोनी का निर्माण कर रहा है जहां केवल चीनी नागरिक ही रहेंगे। पाकिस्तान की संप्रभुता को जिनपिंग ने बीजिंग स्थित कम्युनिस्ट पार्टी की कार्यालय में कैद कर लिया है। 

एशिया के कई देश बन चुके हैं शिकार 

चीन एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़कर अपने सस्ते सामानों के लिए एक बड़ा बाजार बनाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन हाल के दिनों में चीनी मंशा को कई देशों ने भांप लिया है और चीनी प्रोजेक्ट को स्थगित कर रहे हैं। मलेशिया, थाईलैंड और कम्बोडिया ने कई प्रोजेक्ट रद्द किये हैं। पाकिस्तान की कूल अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर की है और पाकिस्तान के ऊपर कूल विदेशी कर्ज 95 अरब डॉलर को पार कर चुकी है।

Web Title: China will ban Masood Ajhar this time but afraid of CPEC project in Pakistan

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