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CPEC प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए चीन कर रहा है बलूचिस्तानी आतंकवादियों से बातचीत: रिपोर्ट

By स्वाति सिंह | Updated: February 21, 2018 09:22 IST

ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, चीन पांच साल से अधिक समय से चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजनाओं की रक्षा को लेकर आतंकवादियों से बात कर रहा है। 

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नई दिल्ली, 20 फरवरी: एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CEPC) को बचाने के लिए चीन बलूचिस्तान के आतंकवादियों से बातचीत कर रहा है। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, चीन पांच साल से अधिक समय से चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर आतंकवादियों से बातचीत कर रहा है। 

फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में एक पाकिस्तानी अधिकारी को हवाला देते हुए लिखा है कि चीन चुपचाप इस परियोजना पर काम कर रहा है और बहुत आगे बढ़ चुका है। हालांकि यह मामला कितना सही है अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। इस मामले में चीन की राजदूत से बयान आने की उम्मीद है क्योंकि कुछ दिन पहले चीनी राजदूत याओ जिंग ने यह बयान दिया था कि बलूच आतंकवादी संगठनों के लिए अब सीपीईसी खतरा नहीं हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान की राजनीति में चीन के हस्तक्षेप करने के इरादे से भारत चिंतित है। इसके अलावा पहले भी भारत अन्य देशों नेपाल, म्यांमार और श्रीलंका समेत कई पड़ोसी देश में  चीन के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव से चिंतित है। 

यह भी पढ़ें-पाकिस्तान को सता रहा है CPEC पर भारत के हमले का डर: रिपोर्ट

इससे पहले 5 फरवरी को पाकिस्तानी न्यूज़ वेबसाइट डॉन की एक रिपोर्ट में छपा था कि पाकिस्तान सरकार ने इस संबंध में गिलगिट-बाल्टिस्तान के गृह विभाग को सूचित किया है। डॉन ने गृह विभाग के एक अधिकारी का हवाला देते हुए कहा था कि देश के गृह मंत्रालय द्वारा हालिया निर्देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) पर संभावित हमले की चेतावनी दी है।

उस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय द्वारा भेजे हुए पत्र में कहा गया है था कि भारत ने 400 मुस्लिम युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए अफगानिस्तान भेजा है, जिसके बाद उनका उपयोग चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए किया जाएगा। इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि भारत का लक्ष्य में काराकोरम हाइवे भी शामिल है। बता दें कि 3,000 किलोमीटर लंबी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट का उदेश्य चीन और पाकिस्तान की रेल, सड़क, पाइपलाइन और केबल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना है। 

उस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय द्वारा भेजे हुए पत्र में कहा गया है था कि भारत ने 400 मुस्लिम युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए अफगानिस्तान भेजा है, जिसके बाद उनका उपयोग चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए किया जाएगा। इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि भारत का लक्ष्य में काराकोरम हाइवे भी शामिल है

बता दें कि 3,000 किलोमीटर लंबी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट का उदेश्य चीन और पाकिस्तान की रेल, सड़क, पाइपलाइन और केबल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना है। 

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