वीगर मुस्लिमों को क्यों मिटा देना चाहता है चीन, कंसंट्रेशन कैंप में दे रहा है अमानवीय यातनाएं

By विकास कुमार | Updated: February 11, 2019 17:12 IST2019-02-11T17:04:54+5:302019-02-11T17:12:37+5:30

चीन की सरकार ने शिनजियांग में लगभग 10 लाख मुसलमानों को एक हिरासत कैंप में रखा है. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन कैम्पों में वीगर मुसलमानों पर बेइंतहा अत्याचार किया जाता है और उन्हें चीन की कम्युनिस्ट सरकार के प्रति वफादारी सिखाया जाता है. 

China is torturing Veigar Muslims in concentration camp even rejcted UN request | वीगर मुस्लिमों को क्यों मिटा देना चाहता है चीन, कंसंट्रेशन कैंप में दे रहा है अमानवीय यातनाएं

वीगर मुस्लिमों को क्यों मिटा देना चाहता है चीन, कंसंट्रेशन कैंप में दे रहा है अमानवीय यातनाएं

Highlightsवीगर मुस्लिमों की जनसंख्या शिनजियांग प्रान्त की कूल आबादी का 45 प्रतिशत है. ये तुर्की की भाषा बोलते हैं.शिनजियांग प्रान्त में रहने वाले मुसलमानों को चीन की सरकार ने नमाज पढ़ने पर भी बैन लगा रखा है. यहां की महिलाओं को बुर्का भी नहीं पहनने दिया जाता है.

चीन के शिनजियांग प्रान्त में अल्पसंख्यक वीगर समुदाय से आने वाले एक संगीतकार की मौत के बाद तुर्की ने चीन से मांग की है कि वीगर मुसलमानों पर अत्याचार करने वाले कंसंट्रेशन कैंप को बंद किया जाये. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुर्रहीम हेयीत शिनजियांग प्रान्त में 8 वर्ष की सजा काट रहे थे. चीन की सरकार ने इस क्षेत्र में लगभग 10 लाख मुसलमानों को एक हिरासत कैंप में रखा है. कई विदेशी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन कैम्पों में वीगर मुसलमानों पर बेइंतहा अत्याचार किया जाता है और उन्हें चीन की कम्युनिस्ट सरकार के प्रति वफादारी सिखाया जाता है. 

तुर्की के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन लोगों का कंसंट्रेशन कैंपों में रखकर उत्पीड़न किया जा रहा है. वहीं चीन कहता है कि ये पुनर्शिक्षा केंद्र हैं जहां लोगों को फिर से शिक्षित किया जाता है. चीनी सरकार वीगर समुदाय पर कड़ी निगरानी रखता है और इनके धार्मिक हितों को कुचलने की ख़बरें आये दिन देश-विदेश में सुर्खियां बनती हैं. यह समुदाय चीन के पश्चिमी प्रान्त में रहता है और ये तुर्की की भाषा बोलते हैं. 

नमाज बैन और बुर्का पहनने की आजादी नहीं 

शिनजियांग प्रान्त में रहने वाले मुसलमानों को चीन की सरकार ने नमाज पढ़ने पर भी बैन लगा रखा है. यहां की महिलाओं को बुर्का भी नहीं पहनने दिया जाता है. और बीते साल ही यह खबर आई थी कि रमजान के पवित्र महीने में कम्युनिस्ट सरकार द्वारा रोजा रखने पर भी पाबन्दी लगा दी गई थी. पुरुषों को लम्बी दाढ़ी रखने पर हिरासत में ले लिया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने भी कई बार वीगर मुसलमानों के मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई है. लेकिन चीन इसे अपने देश का आंतरिक मामला बताकर खारिज करता रहा है. 

वीगर मुसलमान और तुर्की 

शनिवार को जारी एक बयान में तुर्की ने कहा है, "अब ये कोई राज़ नहीं है कि हिरासत में रखे गए दस लाख से अधिक वीगर मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें राजनीतिक तौर पर ब्रेनवाश किया जा रहा है." वीगर मुसलमानों की हालत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय दबाव को चीन बार हर बार खारिज कर देता है. चीन सरकार इस क्षेत्र को अलगाववादी लोगों का ठिकाना मानती है, जो चीन की संप्रभुता के लिए खतरा बन सकते हैं. और इसी तर्क के सहारे चीन शिनजियांग में वीगर समुदाय पर अपनी पार्टी की विचारधारा थोपने की कोशिश करता है. 

वीगर मुस्लिमों की जनसंख्या शिनजियांग प्रान्त की कूल आबादी का 45 प्रतिशत है. ये तुर्की की भाषा बोलते हैं. चीन के इस प्रान्त में कई वीगर अलगाववाद को बढ़ावा देते हैं और चीन की सरकार से अलग देश की मांग करते हैं. अलगाववादी वीगर कई बार क्षेत्र में स्थानीय लोगों पर हमला कर चुके हैं. 2011 में एक ट्रक ड्राईवर को बंधक बनाने के बाद पैदल यात्रियों को कुचल दिया गया था जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. 

Web Title: China is torturing Veigar Muslims in concentration camp even rejcted UN request

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