चीन ने दलाई लामा के साथ अमेरिकी दूत की मुलाकात को बताया "शुद्ध अपराध", बोला- "अमेरिका चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 10, 2023 01:33 PM2023-07-10T13:33:05+5:302023-07-10T13:38:50+5:30
चीन ने दलाई लामा और अमेरिकी अधिकारी उजरा जेया की बैठक पर बेहद कड़ी आपत्ति जताते हुए अमेरिका को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह तिब्बत विवाद के बहाने चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद कर दे।
नई दिल्ली: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष अधिकारी उजरा जेया की मुलाकात पर पड़ोसी मुल्क चीन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक तरफ तो अमेरिका दक्षिण एशिया में शांति के लिए बड़ी-बड़ी बातें करता है, वहीं दूसरी ओर उसके अधिकारी दलाई लामा के साथ मिलकर चीन के साथ 'विशुद्ध अपराध' जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
खबरों के अनुसार बौद्ध धर्मगुरु और अमेरिकी राजनयिक के बीच हुई इस मुलाकात से चीन आग-बबूला है और आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका-चीन के तनावपूर्ण संबंध में यह मुलाकात आग में घी का काम कर रही है। चीन ने दलाई लामा और अमेरिकी अधिकारी उजरा जेया की बैठक पर बेहद कड़ी आपत्ति जताते हुए अमेरिका को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह तिब्बत विवाद के बहाने चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद कर दे।
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग ज़ियाओजियान ने कहा, "अमेरिका द्वारा तिब्बत को चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करत हुए इस मुलाकात पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और तिब्बत के बहाने चीन के आंतरिक मामलों में किसी भी तरह के हस्तक्षेप को बंद कर देना चाहिए।"
ज़ियाओजियान ने कहा कि चीन तिब्बत मुद्दे और दलाई गुट की चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों को कभी भी समर्थन नहीं करता है और न ही अमेरिका को ऐसा करना चाहिए।
चीनी प्रवक्ता ने कहा, "तिब्बत का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और उसमें किसी भी बाहरी ताकत को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। चीन विदेशी अधिकारी 'तिब्बती स्वतंत्रता' का समर्थन करने वालों का किसी भी देश के साथ संपर्क का दृढ़ता से विरोध करते हैं।"
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा तिब्बत मुद्दों पर बनाये गये विशेष समन्वयक उज़रा ज़ेया की मुलाकात "विशुद्ध अपराध" है और सीधे तौर पर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। चीन मानता है कि अमेरिका तिब्बत के विकास और स्थिरता को कमजोर करने अनावश्यक राजनीतिक हेरफेर कर रहा है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा, "चीन हमेशा से इसका कड़ा विरोध करता रहा है और वो दलाई लामा को कभी कोई मान्यता नहीं देता है। 14वें दलाई लामा किसी भी लिहाज से सिर्फ बौद्ध धर्मगुरु नहीं हैं, बल्कि वो भारत में एक राजनीतिक निर्वासन का जीवन लंबे समय से जी रहे हैं क्योंकि उन्होंने चीन का विरोध किया है और तिब्बत को लेकर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।"
ज़ियाओजियान ने कहा, "भारत से तथाकथित निर्वासित तिब्बती सरकार चलाने वाले दलाई लामा पूरी तरह से अलगाववादी राजनीतिक समूह के मुखिया हैं, जो सीधे तौर पर चीन के संविधान और कानूनों का उल्लंघन करते हैं। उन्हें दुनिया के किसी भी देश द्वारा मान्यता नहीं दी है लिहाजा अमेरिका भी इस मामले में सतर्क रहे।"
मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिसंबर 2021 में उजरा जेया को तिब्बती मुद्दों के लिए विशेष समन्वयक के रूप में नियुक्त किया था और उस समय भी चीन ने अमेरिका के उस कदम की बेहद तीखी आलोचना की थी।