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चीन का 21 टन का रॉकेट धरती पर गिरने वाला है? जानिए क्यों ड्रैगन ने फिर बढ़ा दी है दुनिया भर के वैज्ञानिकों की चिंता

By विनीत कुमार | Updated: July 26, 2022 13:26 IST

चीन का 21 टन का लॉन्ग मार्च 5-B रॉकेट धरती पर अनियंत्रित तरीके से गिर सकता है। हालांकि इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है पर वैज्ञानिक इसकी मूवमेंट को टकटकी लगाए देख रहे हैं।

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ठळक मुद्देचीन की ओर से रॉकेट 'लॉन्ग मार्च 5-बी' को रविवार को उसके बन रहे अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भेजा गया था।मॉड्यूल से अलग होने के बाद 21 टन का रॉकेट अभी भी अंतरिक्ष में है। स्पेस मलबे को नहीं संभाल पाने में चीन का खराब ट्रैक रिकॉर्ड, धरती पर मलबे के अनियंत्रित तरीके से गिरने के कई हादसे हो चुके हैं।

बीजिंग: चीन द्वारा बनाए जा रहे अंतरिक्ष स्टेशन 'तियांगोंग' के साथ चीन के सबसे बड़े स्पेसक्राफ्ट 'वेंटियन' के जुड़ने के बाद अब वैज्ञानिक उस रॉकेट पर नजर रख रहे हैं जो इसे अंतरिक्ष में ले गया। मॉड्यूल से अलग होने के बाद 21 टन के रॉकेट को अभी कक्षा से बाहर आना है और संभावना है कि यह पृथ्वी पर गिर सकता है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रॉकेट के धरती पर गिरने की संभावना भले ही कम है, लेकिन इसके खतरे अभी बने हुए हैं, और खासकर अंतरिक्ष में उपग्रहों को भेजने वाले रॉकेटों से निपटने में चीन के इतिहास को देखते हुए, खतरे की आशंका बनी हुई है।

लॉन्ग मार्च 5-B रॉकेट को रविवार को छोड़ा गया था

चीन द्वारा रॉकेट 'लॉन्ग मार्च 5-बी' को रविवार को तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के लिए प्रक्षेपित किया गया था। चीन के अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के फेज में पहुंचने के बाद से ये इस तरह का तीसरा लॉन्च था। 'लॉन्ग मार्च 5बी-वाई3' चीन के सबसे शक्तिशाली रॉकेट भी है।

बहरहाल, खगोलविद जोनाथन मैकडॉवेल जो उपग्रहों और मलबे सहित अंतरिक्ष में अन्य वस्तुओं को ट्रैक करते हैं, उन्होंने पुष्टि की कि रॉकेट कक्षा में बना हुआ है और अलग नहीं हुआ है। हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में एक एस्ट्रोफिजिसिस्ट, मैकडॉवेल ने यह भी साफ किया कि 'यह टूट जाएगा, लेकिन बताते हैं कि 30 मीटर लंबे धातु के टुकड़ों का एक गुच्छा कुछ सौ किमी/घंटा की गतिसे जमीन से टकरा जाएगा।'

स्पेस मलबे को नहीं संभाल पाने में चीन का खराब ट्रैक रिकॉर्ड

इस साल की शुरुआत में चीन उस समय आलोचना के केंद्र में था जब 'चांग झेंग 5 बी' (Chang Zheng 5B) रॉकेट जिसे फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था, पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और भारत के ऊपर आसमान में जल गया।

वहीं, पिछले साल 2021 में बीजिंग को अपने 'लॉन्ग मार्च 5B' रॉकेट की उचित तरीके से कक्षा से बाहर निकालने योजना नहीं बनाने के लिए भी भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। उस रॉकेट का इस्तेमाल चीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन के हिस्से को लॉन्च करने के लिए किया था और इसकी लंबाई लगभग 30 मीटर (100 फीट) थी। 

रॉकेट का वजन 20,000 किलोग्राम से अधिक था और पृथ्वी पर गिरने वाले अब तक के सबसे लंबे मलबे में से एक था। यह मालदीव द्वीपसमूह के पश्चिम में हिंद महासागर में गिरा। इससे पहले इसका अधिकांश भाग पृथ्वी के वातावरण में आते ही जल गया।

अफ्रीका के गांव में गिरे जब चीनी रॉकेट के मलबे

साल 2020 में भी चीन का एक और लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट लॉन्च किया गया जिसने गिरते समय पश्चिम अफ्रीका में आइवरी कोस्ट गणराज्य में स्थित दो गांवों में इमारतों को नुकसान पहुंचाया था। वहीं, चीन का पहला अंतरिक्ष स्टेशन, तियांगोंग-1 साल 2016 में प्रशांत महासागर में गिरा था। वहीं, 2019 में चीन का दूसरा स्टेशन तियांगोंग -2 नियंत्रित तरीके से प्रशांत महासागर के ऊपर आसमान में जल गया था।

 

 

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