ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्जिट के कारण 14 अक्टूबर तक संसद निलंबित रखने की मांग की, महारानी दी मंजूरी
By भाषा | Updated: August 28, 2019 18:50 IST2019-08-28T18:50:05+5:302019-08-28T18:50:05+5:30
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि जॉनसन संसद के मौजूदा सत्र को अगले महीने नौ सितंबर से शुरू हो रही अगली बैठक में निलंबित करने का अनुरोध करने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से पहले ही बात कर चुके हैं।

ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष जॉन बर्को ने कहा कि यह, “संवैधानिक आक्रोश को दर्शाता है।”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद को 14 अक्टूबर तक निलंबित रखने की बुधवार को मांग की ताकि वह जिसे नया साहसिक एवं महत्त्वकांक्षी विधायी एजेंडा बता रहे हैं उसे ब्रेक्जिट की अंतिम तिथि से दो हफ्ते पहले तक प्रस्तुत कर सकें।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि जॉनसन संसद के मौजूदा सत्र को अगले महीने नौ सितंबर से शुरू हो रही अगली बैठक में निलंबित करने का अनुरोध करने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से पहले ही बात कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “पारंपरिक पार्टी सम्मेलनों के समापन के बाद, इस संसद का दूसरा सत्र महारानी के अभिभाषण के साथ सोमवार 14 अक्टूबर से शुरू होगा।’’ जॉनसन ने इससे पहले हुई एक बैठक में अपने कैबिनेट को इस योजना की जानकारी दी थी जिसमें ब्रेक्जिट को शीर्ष विधायी प्राथमिकता बताया गया है।
यूके मीडिया के अनुसार महारानी ने ब्रेक्जिट की समयसीमा से कुछ सप्ताह पहले 14 अक्टूबर तक ब्रिटेन की संसद को निलंबित करने के आदेश को मंजूरी दे दी है।
UK Media: The Queen has approved order to suspend UK Parliament till 14 October, couple of weeks before Brexit deadline. pic.twitter.com/SE96XERWsv
— ANI (@ANI) August 28, 2019
अगर मध्य अक्टूबर में यूरोपीय परिषद के समक्ष कोई नया सौदा आया तो वह ‘विदड्रॉल एग्रीमेंट बिल’ पेश करेंगे और 31 अक्टूबर तक इसे पारित करने के लिए “तेजी से आगे बढ़ाएंगे।” संसद निलंबित करने के प्रधानमंत्री के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष जॉन बर्को ने कहा कि यह, “संवैधानिक आक्रोश को दर्शाता है।”
बर्को ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री जॉनसन के फैसले के बारे में पहले नहीं बताया गया था। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह स्पष्ट है कि निलंबन का मकसद “ब्रेक्जिट पर चर्चा करने से संसद को रोकना और देश के भविष्य को तय करने के उसके कर्तव्य निभाने से रोकना है।”