पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नेता लॉर्ड नजीर अहमद को बच्चों के यौन शोषण के मामले में साढ़े पांच साल जेल की सजा, जानें पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: February 6, 2022 09:07 AM2022-02-06T09:07:41+5:302022-02-06T09:07:41+5:30
पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड नजीर को ब्रिटेन की एक अदालत ने साढ़े पांच साल जेल की सजा सुनाई है। लेबर पार्टी पूर्व नेता लॉर्ड नजीर अहमद पर 1970 के दशक में तब नाबालिग रहे एक लड़के और लड़की का यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया गया है।
ब्रिटेन की एक कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड नजीर अहमद को साढ़े पांच साल के जेल की सजा सुनाई है। लेबर पार्टी के इस वरिष्ठ नेता को ये सजा 1970 के दशक में दो लोगों का यौन उत्पीड़न करना का दोषी पाए जाने के बाद सुनाई गई है। दोनों पीड़ित उस समय नाबालिग थे।
भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की करते रहे है खिलाफत
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जन्में नजीर अहमद 'कश्मीर मुद्दे' को लेकर बेहद मुखर रहे हैं। पूर्व में उन्होंने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा खत्म किए जाने की आलोचना की थी। नजीर अहमद ने साथ ही इस कदम को 'भाजपा/आरएसएस के कट्टरपंथियों को बसाने' के लिए 'जबरन कोशिश' करार दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी नजीर अहमद का करीब दो साल पहले किया गया एक ट्वीट काफी विवादों में रहा था, जिसकी आलोचना कांग्रेस और भाजपा की ओर से की गई थी।
कोर्ट ने जनवरी में नजीर अहमद को ठहराया था दोषी
ब्रिटिश कोर्ट ने इसी साल जनवरी में अहमद को यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी ठहराया था। दरअसल नजीर अहमद के खिलाफ आरोपों में 11 साल के एक लड़के के साथ यौन उत्पीड़न का मामला है। साथ ही घटना के समय 16 साल की रही लड़की के साथ बलात्कार के दो प्रयास के आरोप भी शामिल हैं। दोनों मामले 1970 के दशक के हैं।
नजीर अहमद के खिलाफ सुनवाई के दौरान पीड़ित भी मौजूद रहे। उनकी मांग थी कि नजीर अहमद से लॉर्ड की उपाधि छीन ली जानी चाहिए। अहमद ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स छोड़ दिया था लेकिन उनके नाम के आगे ‘लॉर्ड’ की उपाधि बरकरार है।
सजा के ऐलान के बाद पीड़ित पुरुष ने कहा, 'मुझे खुशी है कि उसे एक लंबी जेल की सजा मिली है, लेकिन खुश नहीं हूं क्योंकि उसे अभी भी लॉर्ड कहा जाता है। यह सही नहीं है कि लोग अभी भी उसका जिक्र कर ऑनरेबल लॉर्ड अहमद कहें - वह बच्चों के उत्पीड़न का दोषी है, इसमें सम्मानजनक कुछ भी नहीं है।'
वहीं, पीड़ित महिला ने अपना बयान पढ़ते हुए कहा, 'मेरे बचपन और वयस्कता उम्र के शुरुआती सालों में शर्मिंदगी की भावना मुझ पर हावी रही। यह एक बोझ था जिसे मैं लगातार ढो रही थी और इसने मुझे कई सालों तक खामोश कर दिया था। अब समय आ गया है कि मैं वह बोझ उस पर डाल दूं- बच्चों का उत्पीड़न करने वाले पर जिसके बारे में मैं जानती हूं कि उसे शर्मिंदगी महसूस नहीं हो रही होगी।'
क्या है नजीर अहमद से जुड़ा उत्पीड़न का पूरा मामला
न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में अहमद के दो भाई मोहम्मद फारूक (71) और मोहम्मद तारिक (66) भी उसी लड़के के साथ उत्पीड़न के आरोपी थे, जिसके मामले में नजीर अहमद को सजा हुई है। ये घटना 1971 और 1972 में रोथेरहैम में हुई थी।
उस समय नजीर अहमद की उम्र 14 या 15 साल की थी। वहीं उनके भाई फारूक की उम्र 20 साल थी। कोर्ट ने अहमद के भाईयों को सुनवाई के लिए योग्य नहीं माना। आरोपों के मुताबिक रेप के प्रयास के दो मामले तब के हैं जब 1973-74 में लड़का करीब 11 साल का था। वहीं लड़की की उम्र भी उस समय करीब 16 साल थी।