बांग्लादेश: शेख हसीना की पार्टी की शानदार जीत, चौथी बार बनेंगी प्रधानमंत्री
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 31, 2018 09:42 IST2018-12-30T23:08:47+5:302018-12-31T09:42:16+5:30
अवामी लीग की मौजूदा शेख हसीना सरकार को भारत का करीबी माना जाता है। भारत-बांग्लादेश के बीच कुछ वर्षो में आपसी समझबूझ और तालमेल बढ़ा है।

बांग्लादेश: शेख हसीना की पार्टी की शानदार जीत, चौथी बार बनेंगी प्रधानमंत्री
बांग्लादेश में हो रहे आम चुनाव का नतीजा सामने आ गया है। एएनआई एजेंसी ने एएफपी न्यूज एजेंसी के हवाले से खबर दी है कि बांग्लादेश में हो रहे आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग चुनाव जीत गई है। बता दें कि शेख हसीना चौथी बार प्रधानमंत्री बनेगी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रविवार को गोपालगंज-3 निर्वाचन क्षेत्र से एक तरह से निर्विरोध चुनाव जीत गयीं। उन्हें 2,29,539 वोट मिले जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीएनपी के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले।
चुनाव आयोग ने शाम में आधिकारिक तौर पर हसीना की जीत की घोषणा की।
शुरूआती रूझानों के मुताबिक, प्रधानमंत्री की अवामी लीग पार्टी भारी अंतर से आगे है। पार्टी की जीत के साथ हसीना का चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
इस सीट से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार एस एम जिलानी को 123 वोट, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के उम्मीदवार मारूफ शेख को 71 जबकि बाकी उम्मीदवारों को कुल 14 वोट मिले। चुनाव आयोग के मुताबिक इस सीट पर कुल 2,29,747 वोट पड़े।
AFP News Agency: Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina's party wins election, local TV reports pic.twitter.com/b77S8qB2ht
— ANI (@ANI) December 30, 2018
अवामी लीग की मौजूदा शेख हसीना सरकार को भारत का करीबी माना जाता है। भारत-बांग्लादेश के बीच कुछ वर्षो में आपसी समझबूझ और तालमेल बढ़ा है। दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे दौर में हैं, वीजा नियमों में उदारता आने से दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क बढ़ा है, कनेक्टिविटी बढ़ी है, 2015 के भूमि सीमा विवाद समझौते सहित उभयपक्षीय सहयोग बढ़ाने के अनेक अहम समझौते हुए हैं। सत्तारूढ़ अवामी लीग ने अपने चुनाव घोषणा पत्न में भी भारत के साथ कनेक्टिविटी परियोजनाओं का जिक्र किया है और कहा है इससे बांग्लादेश के लोगों को लाभ मिलेगा। उधर विपक्षी बीएनपी ने भी शायद पिछले चुनाव से सबक लेकर भारत विरोधी अनर्गल प्रलाप करने के बजाय अपना भारत विरोधी रुख नरम किया है। भारत का आधिकारिक पक्ष यही रहा है कि आम चुनाव बांग्लादेश का आंतरिक मामला है।
दरअसल बांग्लादेश के इन दोनों प्रमुख दलों की विचारधारा में बहुत फर्क है और दोनों का जनाधार भी अलग है। ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि बीएनपी सरकार के दौरान कट्टरपंथियों को मदद मिल रही थी। जब से अवामी लीग की सरकार आई है, वह उन्हें दबाने की कोशिश कर रही है और इसमें कुछ कामयाबी भी मिली है।
(भाषा एजेंसी से इनपुट )