यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन, तोपखाने के गोले और पोर्टेबल मिसाइलें देगा अमेरिका, 40 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता देने की घोषणा की
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 26, 2023 04:25 PM2023-07-26T16:25:08+5:302023-07-26T16:26:46+5:30
इस सहायता पैकेज में वायु रक्षा युद्ध सामग्री, तोपखाने के गोले, बख्तरबंद वाहन और कवच-रोधी क्षमताएं शामिल हैं। अमेरिका ने अपनी आधुनिक मिसाइल डिफेंस प्रणाली पैट्रियट भी यूक्रेन को दी है।
नई दिल्ली: रूसी हमले में तबाह यूक्रेन के लिए अमेरिका ने 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता की घोषणा की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी घोषणा में बताया है कि अमेरिकी सैन्य सहायता में यूक्रेन को उन्नत वायु रक्षा प्रणाली, तोपखाने के गोले और बख्तरबंद वाहनों के लिए विभिन्न प्रकार के युद्ध सामग्री दी जाएगी।
अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा, "इस सहायता पैकेज में वायु रक्षा युद्ध सामग्री, तोपखाने के गोले, बख्तरबंद वाहन और कवच-रोधी क्षमताएं, साथ ही युद्ध के मैदान पर यूक्रेन की बहादुर सेनाओं को मजबूत करने, उन्हें यूक्रेन के संप्रभु क्षेत्र को वापस लेने और अपने साथी नागरिकों की रक्षा करने में मदद करने के लिए आवश्यक अन्य उपकरण शामिल हैं।"
एंटनी ब्लिंकन ने आगे कहा कि इस पैकेज में रक्षा विभाग के स्टॉक से कुल 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियार और उपकरण की महत्वपूर्ण सैन्य सहायता शामिल है। उन्होंने कहा कि अनाज समझौते से पीछे हटने के बाद रूस यूक्रेनी बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे पर हमला ओडेशा में लगातार हमले जारी रखे हुए है। ब्लिंकन ने कहा कि रूस किसी भी समय "यूक्रेन से अपनी सेना हटाकर" और यूक्रेन के शहरों और लोगों के खिलाफ अपने क्रूर हमलों को रोककर इस युद्ध को समाप्त कर सकता था। जब तक ऐसा नहीं होता, संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगी और साझेदार यूक्रेन के साथ एकजुट खड़े रहेंगे, चाहे जितना भी समय लगे।
बता दें कि रूस से जारी युद्ध में अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन को लगातार आर्थिक और सैन्य सहायता मुहैया कर रहे हैं। अमेरिका ने अपनी आधुनिक मिसाइल डिफेंस प्रणाली पैट्रियट भी यूक्रेन को दी है। इसके अलावा टैंक और पोर्टेबल मिसाइलें भी उपलब्ध कराई हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को विवादिक क्लस्टर बम देने की घोषणा की थी। मदद में मिले हथियारों से यूक्रेनी सेना ने कब्जा किए कुछ क्षेत्रों को वापस लेने में कामयाबी भी हासिल की है।