Coronavirus: चीन ने कहा- कोविड-19 को लेकर अमेरिका कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी लोगों के बीच पैदा कर रहा दरार

By भाषा | Published: May 9, 2020 05:44 AM2020-05-09T05:44:36+5:302020-05-09T05:44:36+5:30

हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोम्पिओ ने दावा किया है कि घातक वायरस चीन के वुहान के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी से ही निकला। वुहान में ही इस महामारी का पहला मामला पिछले साल दिसंबर में आया था।

America is trying to create rift between Communist Party and Chinese people over covid-19: China | Coronavirus: चीन ने कहा- कोविड-19 को लेकर अमेरिका कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी लोगों के बीच पैदा कर रहा दरार

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फाइल फोटो।

Highlightsचीन ने शुक्रवार को अमेरिकी नेताओं से घातक कोरोना वायरस को लेकर सत्तारूढ़ी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी लोगों के बीच ‘दरार’ पैदा करने की कोशिश करके अपना वक्त ‘बर्बाद’ नहीं करने का आह्वान किया। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के नेतृत्व में ही चीन के लोगों ने इस महामारी का मुकाबला करने में अहम बढ़त हासिल की है।

चीन ने शुक्रवार को अमेरिकी नेताओं से घातक कोरोना वायरस को लेकर सत्तारूढ़ी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी लोगों के बीच ‘दरार’ पैदा करने की कोशिश करके अपना वक्त ‘बर्बाद’ नहीं करने का आह्वान किया। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के नेतृत्व में ही चीन के लोगों ने इस महामारी का मुकाबला करने में अहम बढ़त हासिल की है।

हुआ ने कहा, ‘‘ (वे) चीन की राजनीतिक व्यवस्था पर आरोप लगा रहे हैं। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। वे दुर्भावना से ऐसा कर रहे हैं। वे सीपीसी और लोगों के बीच दरार पैदा करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिकी नेताओं को सीपीसी और लोगों के बीच दरार पैदा करने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। हमारी राजनीतिक व्यवस्था भी बनी रह सकती है और यह दोनों के हितों की पूर्ति करती है।’’ वह अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा विभिन्न मुद्दों पर की गयी चीन की आलोचना का जवाब दे रही थीं।

हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोम्पिओ ने दावा किया है कि घातक वायरस चीन के वुहान के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी से ही निकला। वुहान में ही इस महामारी का पहला मामला पिछले साल दिसंबर में आया था।

ट्रंप प्रशासन इस वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति को प्रारंभ में चीन द्वारा संभालने के तौर तरीके को लेकर उसे खिलाफ विभिन्न दंडात्मक कदमों पर गौर कर रहा है। अमेरिका इस घातक वायरस के उद्भव का पता लगाने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों को चीन भेजे जाने के लिए दबाव भी बना रहा है।

चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है और उसका कहना है कि अमेरिका नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस महामारी पर अपनी कार्रवाई से लोगों का ध्यान बंटाना चाहता है, इस चुनाव में ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति निर्वाचित होने की कोशिश में जुटे हैं।

दुनिया में कोरोना वायरस की सबसे अधिक मार अमेरिका पर पड़ी है, जहां इस बीमारी से 75000 से अधिक लोगों की जान चली गयी और 12 लाख से अधिक लोग उसकी चपेट में आ चुके हैं। कोविड-19 से जुड़े मुद्दों को लेकर नियमित रूप से चीन पर लगातार निशाना साध रहे पोम्पिओ हर रोज चीन के विदेश मंत्रालय के संवाददाता सम्मेलन के केंद्र बिंदु में होते हैं।

संवाददाता सम्मेलन के बाद एक के बाद एक कर चीनी पत्रकार उनकी टिप्पणियों को लेकर सवाल पूछते हैं। इस पर प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय का संवाददाता सम्मेलन पोम्पिओ की ‘‘झूठ’’ का खंडन करने का स्थान बन गया है।

हुआ ने कहा कि चीन और अमेरिका को एक दूसरे का शत्रु नहीं बनना चाहिए बल्कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी बनना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए वैचारिक एवं राजनीतिक मतभेद दूर रखे जा सकते हैं क्योंकि जीवन सबसे अधिक मायने रखता है। ट्रंप के इस आरोप पर कि चीन ने बहुत बड़ी गलती की, चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ कौन सी बड़ी गलती हमने की। यह आकस्मिक बीमारी है जिसका हमने सामना किया और हमें इस वायरस से सबसे पहले प्रभावित किया।’’

Web Title: America is trying to create rift between Communist Party and Chinese people over covid-19: China

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