जिनेवा, तीन सितंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र की मौसम संबंधी एजेंसी ने कहा है कि विश्व और खासकर शहरी इलाकों में पिछले वर्ष कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन तथा यात्रा प्रतिबंधों के दौरान वायु प्रदूषकों के उत्सर्जन में संक्षिप्त समय के लिए तेज गिरावट आई। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (वर्ल्ड मेटेओरालॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन या डब्ल्यूएमओ) ने शुक्रवार को पहला ‘एयर क्वालिटी ऐंड क्लाइमेट बुलेटिन’ जारी किया और आगाह किया कि प्रदूषण में कमी कहीं-कहीं पर ही हुई है और दुनिया के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देशों से कहीं आगे निकल गया। कुछ प्रकार के प्रदूषक तत्व नियमित रूप से, बल्कि और उच्च स्तर पर उत्सर्जित होते रहे। डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्टेरी तलास ने कहा, ‘‘कोविड-19 एक अनियोजित वायु गुणवत्ता प्रयोग साबित हुआ और इससे अस्थायी और स्थानीय स्तर पर सुधार देखे गए, लेकिन वैश्विक महामारी जनसंख्या और जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारकों से निबटने की सतत एवं व्यवस्थित कार्रवाई का विकल्प नहीं है।’’ एजेंसी ने कहा कि कई सरकारों ने लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाई, स्कूल बंद किए और लॉकडाउन लगाए, जिससे प्रदूषकों के उत्सर्जन में ‘अभूतपूर्व कमी’ देखी गई। उसने बताया कि संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान नाइट्रस ऑक्साइड के औसत स्तरों में करीब 70 फीसदी की कमी आई लेकिन ओजोन का स्तर जस का तस ही बना रहा, बल्कि इसमें बढ़ोतरी भी देखी गई।
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