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इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के खिलाफ सड़कों पर हजारों की भीड़, जनता न्यायिक सुधार के विरोध में

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 5, 2023 09:34 IST

इजरायल की राजधानी तेल अवीव में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूदा बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आये। विरोध करने वाले नेतन्याहू सरकार द्वारा किये जा रहे न्यायिक सुधार की आलोचना कर रहे थे।

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ठळक मुद्देइजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के खिलाफ जनता में भारी रोष राजधानी तेल अवीव की सड़कों पर उतरे हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी प्रदर्शनकारी नेतन्याहू सरकार द्वारा की जा रही न्यायिक सुधार व्यवस्था का कर रहे हैं विरोध

तेल अवीव: इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू सरकार द्वारा देश की अदालती व्यवस्था में किये जा रहे बदलाव के विरोध में शनिवार को राजधानी की सड़कों पर उतरी जनता बेहद उग्र हो गई। प्रदर्शन के लगातार नौवें हफ्ते करीब दस हजार प्रदर्शनकारी तेल अवीव समेत देश के अन्य शहरों में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आये।

तेल अवीव में शनिवार की रात का शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुए प्रदर्शन ने थोड़े ही वक्त में आक्रमाक स्वरूप ले लिया। पुलिस द्वारा जारी किए गए फुटेज में प्रदर्शनकारी तेल अवीव में पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ते और आग लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए वाटर कैनन के जरिये पानी का छिड़काव करके उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास कर रही थी।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा किये जा रहे न्यायिक सुधार का विरोध कर रहे थे। लोगों का कहना है कि बेंजामिन नेतन्याहू जिस न्यायिक सुधार को इजरायली जनता पर थोप रही है, वो उन्हें स्वीकार नहीं है। प्रदर्शनकारियों को उम्मीद है कि उनका व्यापक विरोध-प्रदर्शन सरकार पर प्रभाव डालेगा और सरकार को उनकी बातें माननी होंगी।

दरअसल यह पूरा मामला उस समय शुरू हुआ, जब जनवरी की शुरुआत से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार ने देश की सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा था। उसके बाद इजराइल की जनता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी नेतन्याहू और उनके दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी का तीखा विरोध कर रहे हैं क्योंकि नेतन्याहू सरकार सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को सीमित करने का नियम बना रही है, जिसमें सबसे प्रमुख है कि सांसद को न्यायाधीशों की नियुक्ति में निर्णायक अधिकार मिलेगा।

वहीं फैसले के खिलाफ आंदोलन करने वालों की दलील है कि सरकार के इस कदम से सुप्रीम कोर्ट में राजनैतिक दखल मजबूत होगी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में हो रही राजनीतिक दखल को रोकने की जरूरत है। आलोचकों का कहना है कि नेतन्याहू सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति के संबंध में किये गये बदलाव से अदालतों की साख को धक्का पहुंच सकता है और न्यायपालिका कमजोर हो सकती है। इसके कारण नागरिक स्वतंत्रता भी खतरे में पड़ सकती है। इसके साथ ही पश्चिमी सहयोगियों के साथ संबंध और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंच सकता है।

प्रदर्शन के दौरान तेल अवीव में हाईस्कूल के शिक्षक ओफिर कुबित्स्की ने शनिवार को कहा, "अगर सुप्रीम कोर्ट पर सरकार हावी हुई तो बहुत बड़ा खतरा है कि इजरायल तानाशाही में बदल जाएगा। इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट की रक्षा के लिए यहां बार-बार प्रदर्शन कर रहे हैं।"

टॅग्स :इजराइलबेंजामिन नेतन्याहू
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