संयुक्त अरब अमीरात में जिंदगी और मौत के बीच 54 दिनों के संघर्ष के बाद, भारतीय ने घातक बीमारी को हराया

By भाषा | Updated: December 6, 2021 16:43 IST2021-12-06T16:43:23+5:302021-12-06T16:43:23+5:30

After 54 days of struggle between life and death in UAE, Indian beats deadly disease | संयुक्त अरब अमीरात में जिंदगी और मौत के बीच 54 दिनों के संघर्ष के बाद, भारतीय ने घातक बीमारी को हराया

संयुक्त अरब अमीरात में जिंदगी और मौत के बीच 54 दिनों के संघर्ष के बाद, भारतीय ने घातक बीमारी को हराया

दुबई, छह दिसंबर संयुक्त अरब अमीरात में 42 वर्षीय एक प्रवासी भारतीय ने यहां जिंदगी और मौत के बीच 54 दिनों तक संघर्ष करने के बाद एक दुर्लभ और घातक जीवाणु संक्रमण वाली बीमारी को मात दी है।

मूल रूप से भारत के गोवा के रहने वाले नितेश सदानंद मडगांवकर का इलाज करने वाले चिकित्सकों के मुताबिक नितेश सेपसिया सिंड्रोम नामक एक बेहद घातक एवं जानलेवा जीवाणु संक्रमण से पीड़ित हो गये थे, जिसकी मृत्यु दर करीब 75 प्रतिशत मानी जाती है। लेकिन, नितेश ने आश्चर्यजनक रूप से इस संक्रमण से ठीक होने की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए इसे मात दी।

सेपसिया सिंड्रोम एक घातक स्थिति है जो शरीर के कई अंगों को नाकाम करने के साथ संयुक्त श्वसन प्रणाली को भी प्रभावित करती है। पिछले 27 वर्षों से संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे नितेश अगस्त के अंतिम सप्ताह में छुट्टी के बाद अबू धाबी लौटे थे। वह यूएई में चालक का काम करते हैं।

बुखार शुरू होने के दो दिन बाद 28 अगस्त को उसकी हालत काफी बिगड़ गई। नितेश का नियोक्ता उसे क्वाटरनरी केयर अस्पताल ले गया जहां उसे निमोनिया होने का पता चला। उसे तेज बुखार, थकान, जोड़ों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और सूंघने और भूख न लगने की शिकायत थी।

चिकित्सकीय जांच में नितेश के मधुमेह से पीड़ित होने का भी पता चला।

नितेश की कई प्रकार की जांच की गयी, जिसमें उसके सेपसिया सिंड्रोम से पीड़ित होने का पता चला। इसके बाद नितेश को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया और डॉक्टरों की एक बहु-अनुशासनात्मक टीम ने उसकी रिपोर्ट और स्वास्थ्य स्थितियों का विश्लेषण किया।

बुर्जील मेडिकल सिटी के आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ नियास खालिद ने अस्पताल के चिकित्सा निदेशक जॉर्जी कोशी के साथ चिकित्सकों की टीम का नेतृत्व कर नितेश का इलाज शुरू किया। कुछ सप्ताह बाद नितेश की हालत में सुधार होने लगा। करीब 54 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार नितेश ने इस जानलेवा संक्रमण को मात दे दी।

नितेश ने इसका पूरा श्रेय चिकित्सकों को देते हुए कहा,“जब तक मैं अस्पताल पहुंचा, तब तक मेरी तबीयत काफी खराब हो चुकी थी। अगर डॉक्टरों ने मेरा अच्छा इलाज नहीं किया होता तो मैं जीवित नहीं रह पाता।

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Web Title: After 54 days of struggle between life and death in UAE, Indian beats deadly disease

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