अफ्रीका महाद्वीप अब पोलियो वायरस से मुक्त, लेकिन पोलियो का खतरा बरकरार

By भाषा | Published: August 25, 2020 08:01 PM2020-08-25T20:01:53+5:302020-08-25T20:01:53+5:30

देशों में ‘वैक्सीन डेराइव्ड पोलियो’ (पोलियो वायरस के जीन में बदलाव कर बने टीके को जब बच्चे को दिया जाता है तो करीब छह से आठ हफ्ते तक बच्चे के मल से यह वायरस निकलते हैं और इनमें से कुछ पोलियो की बीमारी पैदा करने में सक्षम हो सकते हैं) से बच्चों के अंगों के खराब होने की आशंका बनी हुई है।

Africa to be declared free of wild polio after decades of work | अफ्रीका महाद्वीप अब पोलियो वायरस से मुक्त, लेकिन पोलियो का खतरा बरकरार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह दूसरी बार है जब अफ्रीका में किसी वायरस को खत्म किया गया है।

Highlightsस्वास्थ्य कर्मियों पर हमले और असुरक्षा की वजह से पोलियो की बीमारी और जटिल हो गई है। अफ्रीका को पोलियो वायरस से मुक्त घोषित किए जाने के बाद केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश होंगे जहां पर पोलियो वायरस सक्रिय है। एक समय था जब पूरे अफ्रीका में करीब 75 हजार बच्चे पोलियो की वजह से हर साल अपंगता के शिकार हो जाते थे।

जोहानिसबर्गः स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मंगलवार को करीब एक दशक के प्रयास के बाद अफ्रीका महाद्वीप के ‘पोलियो वायरस’ से मुक्त होने की घोषणा किए जाने की उम्मीद है।

हालांकि, एक दर्जन से अधिक देशों में ‘वैक्सीन डेराइव्ड पोलियो’ (पोलियो वायरस के जीन में बदलाव कर बने टीके को जब बच्चे को दिया जाता है तो करीब छह से आठ हफ्ते तक बच्चे के मल से यह वायरस निकलते हैं और इनमें से कुछ पोलियो की बीमारी पैदा करने में सक्षम हो सकते हैं) से बच्चों के अंगों के खराब होने की आशंका बनी हुई है।

अफ्रीका को पोलियो वायरस से मुक्त घोषित किए जाने के बाद केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश होंगे जहां पर पोलियो वायरस सक्रिय है और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले और असुरक्षा की वजह से पोलियो की बीमारी और जटिल हो गई है। यह घोषणा पोलियो उन्मूलन पर गठित अफ्रीकी क्षेत्रीय प्रमाण आयोग करेगा क्योंकि चार साल से कोई मामला नहीं दर्ज किया गया है। एक समय था जब पूरे अफ्रीका में करीब 75 हजार बच्चे पोलियो की वजह से हर साल अपंगता के शिकार हो जाते थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह दूसरी बार है जब अफ्रीका में किसी वायरस को खत्म किया गया है। चार दशक पहले अफ्रीका में चेचक को पूरी तरह से खत्म किया गया था। हालांकि,विशाल अफ्रीका महाद्वीप जहां पर 130 करोड़ लोग रहते हैं शिथिल निगरानी प्रणाली से पोलियो वायरस के छिटपुट मामले आने की आशंका बनी हुई है, जिसका पता नहीं लग पाया है।

अफ्रीका महाद्वीप में पोलियो के वायरस को खत्म करने के अभियान के आखिरी दौर में उत्तरी नाइजीरिया पर ध्यान केंद्रित किया गया जहां पर एक दशक से भी अधिक समय से इस्लामिक चरमपंथी समूह बोको हराम सक्रिय है और स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी सुरक्षा को खतरे में डालकर टीकाकरण का काम किया।

अफ्रीका में आखिरी बार पोलियो का मामला वर्ष 2016 में नाइजीरिया में आया था। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक परिवर्तित वायरस से पोलियों के मामले सामने आ सकते हैं और मौजूदा समय में 16 अफ्रीकी देश (अंगोला, बेनिन, बुर्किना-फासो, कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, आइवरी कोस्ट, कांगो, इथियोपिया, गिनी, घाना, माली, नाइजर, नाइजीरिया, टोंगो और जाम्बिया) इसका सामना कर रहे हैं।

Web Title: Africa to be declared free of wild polio after decades of work

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