अफगानिस्तान पर कब्जा करते ही चीन को भा रहा तालिबान, जानिए पूरा मामला

By भाषा | Updated: August 19, 2021 21:39 IST2021-08-19T21:28:40+5:302021-08-19T21:39:02+5:30

चीन ने कहा कि वह अफगानिस्तान में सरकार के गठन के बाद ही देश में तालिबान को राजनयिक मान्यता देने का फैसला करेगा तथा उसे उम्मीद है कि वह सरकार ‘‘खुली, समावेशी और व्यापक प्रतिनिधित्व वाली’’ होगी।

Afghanistan soon captured China liked Taliban will not repeat history and now they have become frank and prudent | अफगानिस्तान पर कब्जा करते ही चीन को भा रहा तालिबान, जानिए पूरा मामला

समग्र इस्लामिक सरकार बनाने का प्रयास करेंगे।

Highlightsअफगानिस्तान के मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है।झाओ ने कहा, ‘‘हमने अफगान तालिबान की प्रासंगिक टिप्पणियों पर ध्यान दिया है।’’संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने 2002 में ईटीआईएम को एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।

बीजिंगः चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसकी तालिबान के साथ वार्ता हो रही है और अफगानिस्तान में उसके सत्ता पर काबिज होने के बाद ‘‘निष्पक्ष निर्णय’’ किया जाना चाहिए।

इसने कहा कि तालिबान ज्यादा ‘‘स्पष्टवादी तथा विवेकशील’’ हो गया है और उम्मीद जताई कि महिलाओं के अधिकार सहित वे अपने वादे पूरा करेंगे। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हालांकि स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन समझा जाता है कि ‘‘अफगान तालिबान इतिहास को नहीं दोहराएगा और अब वे स्पष्टवादी एवं विवेकशील हो गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में देश में तेजी से बदलती स्थितियों में निष्पक्ष निर्णय का अभाव है और अफगानिस्तान में लोगों के विचार ठीक तरीके से नहीं समझे जा रहे हैं खास तौर पर पश्चिमी देशों को इससे सबक लेना चाहिए।’’ हुआ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तालिबान के नेता और इसके प्रवक्ताओं ने खुलेआम कहा है कि वे लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करेंगे, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करेंगे और खुला, समग्र इस्लामिक सरकार बनाने का प्रयास करेंगे।

उनसे पूछा गया था कि क्या चीन तालिबान से वार्ता कर रहा है और उसकी सरकार को मान्यता देने में बीजिंग की क्या शर्तें होंगी। हुआ ने कहा, ‘‘हम देश की संप्रभुता के सम्मान के आधार पर कह रहे हैं और चीन ने अफगान तालिबान से पिछले दो दिनों में संपर्क साधा है।’’ चीन ने बुधवार को कहा था कि अफगानिस्तान में सरकार बनने के बाद ही वह तालिबान को मान्यता देने के बारे में निर्णय करेगा।

अल-कायदा का सहयोगी बताया जाने वाला ईटीआईएम चीन के अस्थिर शिनजियांग प्रांत का एक आतंकवादी समूह है। यह प्रांत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है, जहां एक करोड़ से अधिक उइगर मुसलमान रहते हैं। अमेरिका के पूर्व ट्रंप प्रशासन ने शिनजियांग में चीन द्वारा उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के बीच 2020 में अमेरिका के आतंकवादी संगठनों की सूची से समूह को हटा दिया था। अमेरिका ने शिनजियांग में चीन की सुरक्षा कार्रवाई को उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार करार दिया है।

चीन काबुल में तालिबान सरकार को मान्यता के एक पूर्व शर्त के रूप में तालिबान से यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दे रहा है कि ईटीआईएम शिनजियांग को लक्षित करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल न करे। तालिबान के राजनीतिक आयोग के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत के लिए चीन का दौरा किया था। इसने ईटीआईएम को अफगानिस्तान से काम नहीं करने देने का वादा किया था। 

Web Title: Afghanistan soon captured China liked Taliban will not repeat history and now they have become frank and prudent

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