अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार का ऐलान, मोहम्मद हसन अखुंद प्रधानमंत्री, मुल्ला अब्दुल बरादर होंगे डिप्टी पीएम
By विनीत कुमार | Updated: September 7, 2021 21:59 IST2021-09-07T20:23:08+5:302021-09-07T21:59:25+5:30
तालिबान (Tliban) ने अफगानिस्तान में कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा कर दी है। मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे।

तालिबान ने कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा की (फाइल फोटो)
काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान की नई अंतरिम सरकार के लिए मंगलवार की शाम मंत्रिमंडल की घोषणा कर दी गई। इसके तहत मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे। वहीं मुल्ला अब्दुल गनी बरादर डिप्टी पीएम बनाए गए हैं। सिराजुद्दीन हक्कानी गृहमंत्री होंगे। वहीं, मुल्ला याकूब अफगानिस्तान के नए रक्षा मंत्री होंगे।
मुल्ला याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे हैं। वहीं, अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में शामिल है।
तालिबान के मंत्रिमंडल में ये नाम भी शामिल
बहरहाल, बरादर जहां सरकार में पहले डिप्टी नेता होंगे वहीं मावलवी हन्नाफी दूसरे डिप्टी लीडर होंगे। इसके अलावा खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री बनाया गया है। अब्दुल हकीम न्याय मंत्री होंगे। जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री बनाया गया है।
इसके अलावा तालिबान के मंत्रिमंडल में आमिर खान मुत्ताकी को कार्यवाहक विदेश मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। साथ ही हेदयातुल्लाह बद्री को कार्यवाहक वित्त मंत्री बनाया गया है। दिन मोहम्मद इकोनॉमी मिनिस्टर होंगे जबकि मोहम्मद इदरिस अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक के कार्यवाहक गवर्नर होंगे।
तालिबान के पिछले शासन के अंतिम वर्षों में भी मुल्ला हसन अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था।
इस सरकार में गैर-तालिबानियों को जगह दिये जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सबसे बड़ी मांग है कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार का गठन होना चाहिये। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए कहा कि यह नियुक्तियां अंतरिम सरकार के लिये की गई हैं।
गौरतलब है कि 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान के हालात तेजी से बदले हैं। अमेरिका भी 30 अगस्त तक अफगानिस्तान को छोड़ गया था। इसके बाद से लगातार तालिबान के नए सरकार को लेकर अटकलें जारी थी। तालिबान 20 साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने में कामयाब हुआ है।
(भाषा इनपुट)