अफगान लोगों ने 'गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ दिया है : इमरान
By भाषा | Updated: August 16, 2021 19:08 IST2021-08-16T19:08:20+5:302021-08-16T19:08:20+5:30
अफगान लोगों ने 'गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ दिया है : इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खानतालिबान द्वारा काबुल पर नियंत्रण किए जाने का सोमवार को समर्थन करते हुए दिखे और उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ने ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ दिया है।अफगानिस्तान में लंबे समय से चला आ रहा संघर्ष रविवार को उस समय चरम पर पहुंच गया जब तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया और राष्ट्रपति के महल पर कब्जा कर लिया। इमरान ने यह टिप्पणी कक्षा एक से पांच तक एकल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (एसएनसी) के पहले चरण की शुरुआत के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए की। यह उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा भी था।इमरान ने बताया कि किस प्रकार समानांतर शिक्षा प्रणाली से "अंग्रेजी माध्यम" स्कूलों का जन्म हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान में "किसी और की संस्कृति" को अपनाया गया। उन्होंने कहा, "जब आप किसी की संस्कृति अपनाते हैं तो आप इसे श्रेष्ठ मानते हैं और आप इसके दास बन जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इससे मानसिक गुलामी की ऐसी प्रणाली तैयार होती है जो वास्तविक गुलामी से भी बदतर है। उन्होंने परोक्ष रूप से अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की तुलना देश के लोगों द्वारा ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ने से की। इमरान ने कहा कि मानसिक गुलाम बनना वास्तविक गुलाम होने से भी बदतर है और मातहत दिमाग कभी भी बड़े फैसले नहीं कर सकता। उन्होंने आलोचना के बावजूद एसएनसी की शुरुआत की क्योंकि इसमें आधुनिक राष्ट्रीय विज्ञान के बदले धार्मिक शिक्षण पर जोर दिया गया है। सिंध प्रांत को छोड़कर सभी प्रांत इसे लागू करने पर सहमत हैं। उन्होंने सभी आलोचनाओं को खारिज कर दिया और घोषणा की कि आने वाले वर्षों में कक्षा एक से 12 तक शिक्षा प्रणाली शुरू करने की योजना जारी रहेगी।
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