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उत्तर कोरिया: परिवार के पास बाइबल पाए जाने पर 2 साल के बच्चे को हुई उम्रकैद, माता-पिता को भी मिली कठोर सजा

By आजाद खान | Updated: May 28, 2023 09:41 IST

अमेरिका की विदेश विभाग की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि उत्तर कोरिया में 70 हजार ऐसे लोग कैद जो ईसाई और अन्य धर्म के मानने वाले है।

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ठळक मुद्देउत्तर कोरिया में एक दो साल के बच्चे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह दावा अमेरिका की विदेश विभाग की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में किया गया है। यही नहीं बच्चे के माता पिता को भी सजा सुनाई गई है।

प्योंगयांग:  एक रिपोर्ट के अनुसार, बाइबल के साथ पकड़े जाने पर उत्तर कोरिया (North Korea) में एक दो साल के बच्चे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह खुलासा अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department report) की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट मे यह दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया में बाइबल के साथ पकड़े जाने पर ईसाइयों के साथ बहुत बुरा सलूक किया जाता है और उन्हें मौत की सजा सुनाई जाती है। 

यही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में बाइबल के साथ पकड़े जाने पर बच्चों सहित पूरी परिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। रिपोर्ट में उत्तर कोरिया में ईसाइयों की हालत को बयान किया गया है और उनके साथ हो रहे जुल्म को भी वक्त किया गया है। 

रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है

अमेरिका की विदेश विभाग की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2022 की अगर माने तो उनका अनुमान है कि उत्तर कोरिया में 70 हजार ऐसे लोग कैद जो ईसाई और अन्य धर्म के मानने वाले है। इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जिन लोगों को जेल भेजा गया है उन में एक दो साल का बच्चा भी है जिसके परिवार वालों के पास से कथित तौर पर बाइबल मिला था। ऐसे में इसके बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। परिवार के साथ दो साल के बच्चे को भी सजा सुनाई गई है। 

दावा है कि बच्चे के माता पिता को धार्मिक प्रथाओं और बाइबल रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें सजा सुनाई गई है। दावे के अनुसार, दो साल के बच्चे के साथ पूरे परिवार को 2009 में एक राजनीतिक जेल शिविर में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन शिविरों में जिन ईसाइयों को कैद किया गया है उनके साथ बुरा सलूक किया जाता है। 

रिपोर्ट में ईसाइयों के बुरा हालात का बयान है

बता दें कि रिपोर्ट में यह पाया गया है कि इन सिविरों में कैद हुए ईसाइयों ने यहां पर गंभीर परिस्थितियों और शारीरिक दुर्व्यवहार के बारे में बोला है। रिपोर्ट में यह भी दावा है कि राज्य सुरक्षा मंत्रालय ईसाइयों के खिलाफ 90% मानवाधिकारों के हनन के लिए जिम्मेदार था। 

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