हमशक्ल को भुगतनी पड़ी 17 साल की सजा, खुलासा होने पर मिला आठ करोड़ का मुआवजा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 28, 2018 04:27 AM2018-12-28T04:27:40+5:302018-12-28T04:27:40+5:30
हमशक्ल होने की ‘सजा’ 17 साल तक रहा जेल में
आपने भी ऐसे कई लोगों को देखा होगा, जो हमशक्ल हैं. कई बार इनके बीच धोखा भी खाया होगा. कई बार तो बाहर के लोग तो दूर, घर के लोग भी ऐसे लोगों में फर्क नहीं कर पाते. ऐसा अक्सर जुड़वां में होता है. गलत काम एक ने किया और खामियाजा भुगता दूसरे निदरेष ने, वो भी एक-दो नहीं, बल्कि 17 साल तक. अमेरिका में ऐसा ही अनोखा ही मामला सामने आया है. यहां एक निदरेष व्यक्ति रिचर्ड एंथनी जोंस को हमशक्ल द्वारा किए गए अपराध में 17 साल तक जेल में रहना पड़ा. इतने वर्षो बाद असल अपराधी रिकी ली अमोस ने जुर्म कबूल कर लिया है. कोर्ट ने जोंस को निदरेष करार देते हुए करीब आठ करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने का आदेश भी दिया है. मामले में कंसास के अटॉर्नी जनरल डेरेक श्मिट ने भी चूक स्वीकार कर ली है.
ये है मामला
बताया जा रहा है, 1999 में एक व्यक्ति ने रोलैंड पार्क स्थित वॉलमार्ट की पार्किग से महिला का पर्स छीनने की कोशिश की थी. महिला से उसकी झड़प हो गई. छीना-झपटी में पर्स तो बच गया, लेकिन बदमाश ने महिला का सेलफोन चुरा लिया. इसके बाद चश्मदीदों ने पुलिस को बताया, अपराधी मैक्सिकन या अफ्रीकन-अमेरिकन हो सकता है. लोगों ने बदमाश का नाम रिकी बताया था. इसके बाद एक चश्मदीद ने लुटेरे की कार पर लिखा नंबर पुलिस को बताया. जांच के बाद एक ड्राइवर ने जोंस को ही रिकी के रूप में पहचाना, जबकि सच ये था, लूट की कोशिश के दौरान जोंस अपनी गर्लफ्रेंड की जन्मदिन की पार्टी में थे. जांच के दौरान जोंस का आपराधिक रिकॉर्ड भी पाया गया, लिहाजा कोर्ट ने जोंस को 19 साल की सजा सुना दी.
...आखिर मिला इंसाफ
जोंस ने कंसास युनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट ऑफ इनोसेंस में अप्लाई किया. प्रोजेक्ट के जरिए लोगों को इंसाफ दिलाया जाता है. प्रोजेक्ट टीम ने असल अपराधी और जोंस के हमशक्ल रिकी ली अमोस को खोज निकाला. इसके बाद टीम ने रिकी और उससे जुड़े दस्तावेज कोर्ट में पेश किए. जिन लोगों ने जोंस के खिलाफ गवाही दी थी, उन्होंने भी कहा, वे पक्का नहीं कह सकते कि लूट में जोंस ही शामिल था. इसके बाद कोर्ट ने जोंस की रिहाई का आदेश दे दिया. कोर्ट ने बीते हफ्ते मुआवजे की रकम दिए जाने के आदेश के अलावा जोंस के निदरेष होने का सर्टिफिकेट भी जारी किया.