Karnataka student: ताबूत में 2 गुड़िया की कहानी?, विज्ञान प्रदर्शनी में विवाद?, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 25, 2025 11:33 IST2025-03-25T11:25:47+5:302025-03-25T11:33:40+5:30
Karnataka student: सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और पुलिस महानिदेशक को टैग किया।

Karnataka student
Karnataka student: कर्नाटक के चामराजनगर में एक निजी स्कूल की साइंस एग्जिबिशन में 9 साल की छात्रा ने विज्ञान प्रदर्शनी में 'आजाबए कब्र' नाम का मॉडल प्रस्तुत किया। इस घटना को लेकर वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। लोगों कई कमेंट कर रहे हैं। स्कूलों में दी जा रही शिक्षा को लेकर सभी लोग गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं। मॉडल में बुर्का पहनने और न पहनने वाली महिलाओं की कब्रों का प्रतीकात्मक चित्रण किया है। बच्ची ने दावा किया कि बुर्का पहनने वाली महिलाओं को जन्नत मिलती है, जबकि न पहनने वालों को जहन्नुम।
Karnataka: A Muslim in science exhibition shows 2 dolls in coffin which Hijabi going to heaven and women wearing normal clothes will go to hell
— Hindutva Knight (@HPhobiaWatch) March 24, 2025
Yes, she did this in science exhibition 😭😭😭 pic.twitter.com/4Afcfxvuig
वीडियो में छात्रा दो गुड़िया पेश कर रही है। एक बुर्का पहने हुए और दूसरी छोटी ड्रेस में। बुर्का पहनी हुई गुड़िया को फूलों से सजे ताबूत में रखा गया है, जबकि दूसरी को साँपों और बिच्छुओं से भरे ताबूत में रखा गया है। बच्ची ने कहा कि अगर आप बुर्का पहनते हैं, तो मृत्यु के बाद शरीर को कुछ नहीं होता है। लेकिन अगर आप छोटे कपड़े पहनते हैं, तो आप नरक में जाएंगे और साँप और बिच्छू शरीर को खा जाएंगे।
छात्रा ने इस्लामी धर्मग्रंथ का हवाला देते हुए कहा कि जो आदमी अपनी पत्नी को बुर्का के बिना घर में घूमने देता है, वह दैयुस (व्यभिचारी) है।" कई लोगों ने सवाल उठाया है कि शैक्षणिक संस्थान में इस तरह के बयान कैसे दिए गए। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और पुलिस महानिदेशक को टैग किया।
मामले में तत्काल कार्रवाई और जांच की मांग की। अधिकारियों ने घटना पर ध्यान दिया और आश्वासन दिया कि जांच चल रही है। चामराजनगर के लोक शिक्षण उपनिदेशक (डीडीपीआई) राजेंद्र राजे उर्स ने वायरल वीडियो को स्वीकार किया और पुष्टि की कि अधिकारी इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि निष्कर्ष निकालने से पहले घटना के संदर्भ को समझना महत्वपूर्ण है। उर्स ने कहा, "हमें पहले संदर्भ को समझने की जरूरत है। एक बार यह स्पष्ट हो जाने के बाद, मैं आज ही आपको पूरी स्पष्टता प्रदान करूंगा।" इस घटना ने शैक्षणिक स्थानों में धार्मिक मान्यताओं के प्रभाव और छात्रों के दृष्टिकोण को आकार देने में स्कूलों की जिम्मेदारी पर सार्वजनिक मंचों पर चर्चा को बढ़ावा दिया।