कश्मीरः सड़क का बुरा हाल, इतनी गंदी रोड है कि मेहमान भी नहीं आ सकते, नन्ही रिपोर्टर के वीडियो ने इंटरनेट पर तूफान मचाया, देखें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 10, 2022 08:45 PM2022-01-10T20:45:32+5:302022-01-10T20:46:54+5:30
कश्मीर की एक छोटी लड़की का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इंटरनेट पर एक तूफान खड़ा कर दिया। लाखों लोगों ने देखा हैं।
कश्मीर में मुख्य मार्ग और गलियों की खस्ता हाल सड़कों पर नन्ही रिपोर्टर के वीडियो ने इंटरनेट पर तूफान मचा दिया है। इंटरनेट उपयोक्ता गुलाबी जैकेट पहनी इस नन्हीं रिपोर्टर की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। हालांकि, नन्हीं रिपोर्टर ने यह वीडियो कब और कहां बनाया है, इसकी तत्काल पुष्टि नहीं हो पायी है।
दो मिनट आठ सेंकेड लंबे वीडियो में वह अपने कैमरा पर्सन जिसे वह ‘मां’ कह रही है, उन्हें सड़कों पर हुए गड्ढे दिखाने को कहते हुए बोल रही है, ‘‘इतनी गंदी रोड है कि मेहमान भी नहीं आ सकते।’’ गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में हाल ही में भारी बारिश और बर्फबारी हुई है। मोबाइल फोन पर शूट किए गए इस वीडियो में बच्ची बता रही है कि कैसे कीचड़ और बारिश के कारण सड़कों की हालत और खराब हो गई है।
"Take a look, because of rain and snow the road is so dirty that no guest will take the road to come to us..."
— Shaikh Azizur Rahman (@AzizurTweets) January 9, 2022
This 6-year-old cutie is from #Kashmir. Would love to see her as a reporter working for a national or international TV channel, 15 years later.
❤️
Video: Social media pic.twitter.com/5nj9ft7GN5
वीडियो में वह दिखा रही है कि लोग कैसे सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं और कह रही है ‘‘सब गंदा हो गया है।’’ उत्साह से भरी नन्हीं रिपोर्टर अपने दर्शकों से वीडियो ‘लाइक, शेयर और सब्सक्राइब’ करने तथा अगले वीडियो में फिर से मिलने का वादा भी कर रही है। वीडियो को ट्विटर पर तमाम लोगों ने साझा किया है और एक लाख से ज्यादा लोगों ने इसे देखा है।
यह पहली बार नहीं है जब घाटी के किसी बच्चे ने वीडियो संदेश के माध्यम से प्रशासन से अपील की है। पिछले साल छह साल की माहिरू इरफान ने 71 सेंकेंड के एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अधिकतम समय सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया था। वीडियो जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की नजर में आने के बाद उन्होंने शिक्षा विभाग से 48 घंटों के भीतर नीति बनाने को कहा था।