गले तक गोबर में डुबो दिए गए बच्चे, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे, देखें Viral Video
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: December 28, 2019 10:13 IST2019-12-28T10:13:16+5:302019-12-28T10:13:16+5:30
दस साल तक बच्चों को गोबर में धंसना पड़ा। वीडियो कर्नाटक के कलबुर्गी के ताज सुल्तानपुर गांव का बताया जा रहा है।

इस अंधविश्वास के चलते बच्चों को गोबर में डुबोया। (Screengrab: Twitter/@XpressBengaluru)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ बच्चे गोबर में धंसे हुए नजर आ रहे हैं। साथ में बच्चों के माता-पिता भी नजर आ रहे हैं। बच्चों को गले तक गोबर में डुबोने के पीछे एक बड़ी अजीब वजह बताई जा रही है। वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि माता-पिता ने बच्चों को त्वचा के रोग और शारीरिक अक्षमता से बचाने के लिए गोबर में डुबोया। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बच्चों के साथ यह काम सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया। बता दें कि गुरुवार (26 दिसंबर) को सूर्य ग्रहण पड़ा था। दस साल तक बच्चों को गोबर में धंसना पड़ा। वीडियो कर्नाटक के कलबुर्गी के ताज सुल्तानपुर गांव का बताया जा रहा है।
अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिव्यांग बच्चों के माता-पिता उनके साथ ऐसा किया ताकि उनकी शारीरिक अक्षमता दूर हो जाए। बच्चों को ऐसी स्थिति में दो घंटे या इससे ज्यादा समय तक रखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, जब तक सूर्य ग्रहण खत्म नहीं हो गया तब तक बच्चे गोबर में धंसे रहे। बाद में मौके से गुजरने वालों में से किसी शख्स ने जिले के बाल सुरक्षा अधिकारियों को इत्तला की।
#Karnataka
— TNIE Karnataka (@XpressBengaluru) December 26, 2019
At TajSulthanpur in Kalburgi, kids burried til neck level during solar eclipse. Kids upto 10 yrs are burried , they believe by doing this they can avoid skin diseases & not become physically challenged @Ramkrishna_TNIE@santwana99@NewIndianXpress@gsvasu_TNIEpic.twitter.com/XFs364U4Jc
सूचना पाते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्चों के माता-पिता से कहा कि वो उन्हें गोबर से बाहर निकाले, तब जाकर बच्चे वहां से मुक्त हो पाए। वीडियो को लेकर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
सुबोध यादव नाम के यूजर ने लिखा कि खूब जागरूकता के बावजूद लोग अब भी अंधविश्वास करते हैं।
एक यूजर ने लिखा, ''कर्नाटक में लोगों को अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। मुझे हमारे भविष्य के भारत की चिंता है। शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।''
People have still blind faith despite of huge awareness...officials were sent to the place to persuade them not to indulge in such practices..
— Subodh Yadav IAS (@subodhyadav111) December 27, 2019
People in Karnataka should run a campaign against superstitious. I am worried about our future India. Education is the most important.
— Karthik (@Karthik_ias) December 26, 2019