केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर नहीं लिख पाईं मोदी सरकार का स्लोगन, 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' की जगह लिखा ये..., सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोल
By अंजली चौहान | Published: June 19, 2024 04:50 PM2024-06-19T16:50:28+5:302024-06-19T16:56:01+5:30
Savitri Thakur Viral Video: केंद्रीय मंत्री ने अपने चुनावी हलफनामे में घोषणा की है कि उन्होंने 2018 में उर्दू शिक्षा बोर्ड से 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
Savitri Thakur Viral Video: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मध्य प्रदेश के धार जिले में एक शिक्षा जागरूकता अभियान के दौरान का यह वीडियो अब यूजर्स के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, सावित्री ठाकुर को प्रचार रथ पर "बेटी पढ़ाओ" का नारा लिखना था। उन्होंने यह नारा भी लिखा लेकिन सावित्री ठाकुर बेटी पढ़ाओ को सही से लिखने में नाकाम रही है। इसकी जगह उन्होंने गलत स्लोगन लिखते हुए लिखा, "बेड्डी पढ़ाओ"..., मंत्री की हरकतों को कैद करने वाला वीडियो तब से वायरल हो गया है और व्यापक ध्यान और आलोचना हुई है।
यह वीडियो मध्य प्रदेश के धार में एक सरकारी स्कूल में लिया गया था, जब केंद्रीय मंत्री तीन दिवसीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए आई थीं। अपने दौरे के दौरान उन्होंने बोर्ड पर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' लिखने की कोशिश की, लेकिन वह इसे सही तरीके से नहीं लिख पाईं।
46 वर्षीय सावित्री ठाकुर हाल ही में संपन्न आम चुनावों में मध्य प्रदेश के धार लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल को 218,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। वह 2014 में भी इसी सीट से सांसद चुनी गई थीं।
ये केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर हैं जिले में शिक्षा जागरूकता रथ पर उन्हें ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का स्लोगन लिखना था लेकिन, मंत्रीजी ने लिखा- "बेढी पडाओ बच्चाव" चुनावी शपथ-पत्र के मुताबिक वे 12वीं पास हैं... pic.twitter.com/0ATw5aJ3AW
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) June 19, 2024
अपने चुनावी हलफनामे में केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि उन्होंने 2018 में उर्दू शिक्षा बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की है। इस वीडियो पर न केवल सावित्री ठाकुर की आलोचना हुई है, बल्कि कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भारतीय राजनीतिक व्यवस्था की भी आलोचना की है, क्योंकि वह एक अशिक्षित व्यक्ति को देश की नीति निर्धारित करने वाले पद पर पहुंचने की अनुमति दे रही हैं।
शिक्षा को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के बावजूद, वीडियो ने देश में शैक्षिक मानकों पर सवाल उठाए हैं। उनके पद को देखते हुए उनका हिंदी न लिख पाना यूजर्स को पसंद नहीं आया। यही वजह है कि अब ठाकुर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। लोग कई तरह के सवाल कर रहे हैं कि आखिर उन्हें कैसे मंत्री बना दिया गया है।
मंत्री सावित्री का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य मुकाम सिंह अलावा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
यूजर्स ने की आलोचना
एक यूजर ने लिखा, "जहां तक मेरी जानकारी है, हमने शिक्षा पर नहीं, धर्म पर वोट दिया। फिर हम शिक्षित मंत्री की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?"
एक अन्य ने लिखा, "उन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्री होना चाहिए था। उन्हें गलत मंत्रालय दिया गया है।", एक अन्य यूजर ने लिखा, "देश ऐसे लोगों के हाथ में है। इसमें किसकी गलती है? गलती उन शिक्षित लोगों की है, जिन्होंने नेताओं को वोट दिया।"
वहीं, एनसीएम इंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स ने लिखा, "यह जानकर अच्छा लगा कि वह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में हैं।"