मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, नितिन गडकरी ने दिया बयान, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 29, 2022 10:13 AM2022-08-29T10:13:42+5:302022-08-29T11:50:46+5:30
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रिचर्ड निक्सन के कथन का हवाला देते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता लेकिन जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है।
नागपुरः केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में बड़ा बयान दिया है। बयान सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। गडकरी ने याद किया कि जब वह छात्र नेता थे, तब कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने श्रीकांत से कहा, मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि मुझे कांग्रेस की विचारधारा पसंद नहीं है।’’ गडकरी ने रिचर्ड निक्सन के कथन का हवाला देते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता लेकिन जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है।
#WATCH | My friend once advised me to join the Congress, I said, I’d rather drown in a well than join the Congress party. I don’t like the ideology of the Congress: Union Minister Nitin Gadkari (27.08)
— ANI (@ANI) August 29, 2022
(Source: Union Minister's social media handle) pic.twitter.com/NpHU5YQdg8
गडकरी उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है। हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर चर्चा में रहे गडकरी ने कहा, ‘‘इसलिए, किसी को भी ‘इस्तेमाल करो फेको’ की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए।
Launching Sindhi Book- ‘Aprakat Kha(N) Prakat’ Originally written in Oriya as ‘Gopyaru Agopya’ by Dr. Chandra Bhanu Satpathy, Nagpur https://t.co/1inTCpA9Hv
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 28, 2022
अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।’’ गडकरी ने कहा कि युवा उद्यमियों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का वाक्य याद रखना चाहिए कि हारने पर आदमी का अंत नहीं होता है, लेकिन जब वह हार मान लेता है तो वह खत्म हो जाता है।