चिता पर अंतिम संस्कार के लिए लेटी 'मृत' महिला उठ खड़ी हुई, बरहामपुर में हुई आश्चर्यजनक घटना, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 13, 2024 11:35 AM2024-02-13T11:35:33+5:302024-02-13T11:39:24+5:30

ओडिशा के बरहामपुर में जिस महिला को मृत मानकर उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिए चिताभूमि गये थे, वो 52 साल की बुज्जी अम्मा जब चिता से उठ खड़ी हुई तो वहां पर मौजूद सभी लोग हैरान रह गये।

The 'dead' woman lying on the funeral pyre stood up, a surprising incident happened in Berhampur, know the whole matter | चिता पर अंतिम संस्कार के लिए लेटी 'मृत' महिला उठ खड़ी हुई, बरहामपुर में हुई आश्चर्यजनक घटना, जानिए पूरा मामला

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsओडिशा के बरहामपुर में महिला को मृत मानकर अंतिम संस्कार के लिए चिताभूमि ले जाया गयालेकिन 52 साल की बुज्जी अम्मा जब चिता से उठ खड़ी हुई तो वहां पर मौजूद सभी लोग हैरान हो गयेबीते 1 फरवरी को बुज्जी अम्मा घर में खाना बनाते समय बुरी तरह से जल गई थीं

भुवनेश्वर: चिताभूमि में वह किसी डरावनी फिल्म के दृश्य जैसा लग रहा था, जब एक मृत मान ली गई महिला अंतिम संस्कार होने से महज कुछ सेकेंड पहले चिता से उठकर बैठ गई। जी हां, ओडिशा के बरहामपुर में जिस महिला को मृत मानकर उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिए चिताभूमि गये थे, वो 52 साल की बुज्जी अम्मा जब चिता से उठ खड़ी हुई तो वहां पर मौजूद सभी लोग हैरान रह गये।

समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार 54  साल के सिबाराम पालो ने अपनी पत्नी बुज्जी अम्मा को गलती से मृत मान लिया था। जिसके बाद बीते सोमवार को सिबाराम और परिजन बुज्जी अम्मा के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर गये।

बचाया जा रहा है कि इस दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी। बीते 1 फरवरी को घर पर एक दुखद दुर्घटना में बुज्जी अम्मा 50 फीसदी से अधिक जल गई थीं। एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए प्रारंभिक उपचार के बावजूद और पैसों की तंगी के कारण उनकी चिकित्सा देखभाल रूक गई थी।

सिबाराम ने कहा, "सोमवार को सुबह में उसका शरीर बेजान दिखाई दे रहा था। जिसके कारण हमें लगा कि उसकी मृत्यु हो गई है। हमने उसके शरीर को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था करने के लिए स्थानीय समुदाय को लोगों से कहा। उसके बाद स्थानीय पार्षद पार्वती प्रधान के पति सिबा प्रधान ने बेरहामपुर नगर निगम (बीईएमसी) और स्थानीय स्वयंसेवकों की अंतिम संस्कार में सहायता करने के लिए कहा।

सिबाराम के घर के पास के निवासी चिरंजीबी बुज्जी अम्मा के शव वाहन में थे। उन्होंने उस पल को याद करते हुए बताया, "हम अंतिम संस्कार की तैयारी पूरी कर चुके थे। तभी बुज्जी अम्मा ने अप्रत्याशित रूप से अपनी आंखें खोलीं और हमसे कहा कि वो मरी नहीं हैं। हम सबी लोग पूरी तरह आश्चर्यचकित रह गए। हालांकि शुरू में सभी को डर लगा लेकिन थोड़ी देर के बाद हम बुज्जी अम्मा को उनके घर वापस लेकर आये।"

वहीं बुज्जी अम्मा को ले जाने वाले शव वाहन चालक खेत्रबाशी साहू ने कहा कि सिबाराम की खराब आर्थिक हालत के कारण स्थानीय समुदाय ने उदारतापूर्वक उनकी पत्नी के दाह संस्कार में होने वाले खर्च के लिए बहुत पैसे दिये थे। साहू ने बताया, "हम शुरुआत में सुबह 9 बजे के आसपास उनके आवास से अम्मा का शव लेकर निकले थे और बाद में उन्हें सुरक्षित श्मशान घाट से घर वापस लाया गया।"

Web Title: The 'dead' woman lying on the funeral pyre stood up, a surprising incident happened in Berhampur, know the whole matter

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