मैं इस्लामोफोबी नहीं...,सुधीर चौधरी ने अबू धाबी दौरे को लेकर जारी किया बयान, कहा- मुट्ठीभर लोग तय कर रहे कौन बोलेगा कौन नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 1, 2021 05:49 PM2021-12-01T17:49:55+5:302021-12-01T18:29:54+5:30
ट्विटर पर अपने बयान की कॉपी को साझा करते हुए सुधीर चौधरी ने लिखा, मेरा नाम सुधीर चौधरी है और मैं इस्लामोफोब नहीं हूं। सुधीर ने यह भी कहा कि कुछ सांप्रदायिक ताकतें धर्म के नाम पर दूसरों को निशाना बनाने के लिए इस्लामोफोबिया टैग का इस्तेमाल करती हैं।
नई दिल्लीः भारतीय पत्रकार और जी न्यूज के एंकर सुधीर चौधरी ने अबू धाबी में हुए एक कार्यक्रम के वक्तावों की सूची से उनके नाम को हटाए जाने की खबर और इस्लामोफोबी सहित आतंकवादी कहे जाने को लेकर एक बयान जारी किया है। दरअसल UAE की प्रिंसेज हेंड बिंत-ए- फैसल अल कासिम ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के कार्यक्रम में सुधीर चौधरी को आमंत्रित किए जाने का विरोध करते हुए उनपर फर्जी समाचार, इस्लामोफोबिया और सांप्रदायिक घृणा, डॉक्टरिंग टेप बनाने और फैलाने का आरोप लगाए थे। इसके साथ ही उन्हें आतंकवादी भी कहा था।
ट्विटर पर अपने बयान की कॉपी को साझा करते हुए सुधीर चौधरी ने लिखा, मेरा नाम सुधीर चौधरी है और मैं इस्लामोफोब नहीं हूं। सुधीर ने यह भी कहा कि कुछ सांप्रदायिक ताकतें धर्म के नाम पर दूसरों को निशाना बनाने के लिए इस्लामोफोबिया टैग का इस्तेमाल करती हैं। अबू धाबी की यात्रा का मेरा अनुभव इसका सबूत है।
सुधीर चौधरी ने बयान में लिखा, बहुत भारी मन से मैं आपके साथ हाल का एक अनुभव साझा कर रहा हूं। मुझे अबू धाबी में एक कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। घटना से कुछ ही दिन पहले, एक "राजकुमारी" और ब्लॉगर के नेतृत्व में कुछ ब्लू-टिक हैंडल ने आयोजकों को धमकाना और धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे और इस्लामोफोब और एक आतंकवादी कहा। उन्होंने अबू धाबी में मेरे खिलाफ सांप्रदायिक रूप से आरोपित माहौल बनाने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर मुझे गालियां दी गईं और धमकी दी गई।
सुधीर चौधरी ने आगे लिखा कि उन्होंने मेरी भागीदारी रद्द होने की फर्जी खबर फैला दी। भारत में कुछ मीडिया संगठनों ने बिना किसी तथ्य-जांच के अपने प्रचार और झूठ को बढ़ावा दिया। उन्होंने घोषणा की कि मुझे कार्यक्रम में बोलने से रोक दिया गया है। वे गलत थे। मैं अबू धाबी गया और कार्यक्रम में शामिल हुआ और अपने दिल की बात कही। यह दबाव, डराने-धमकाने की रणनीति, जानलेवा ईमेल और समन्वित ट्रोलिंग के बावजूद है, जिसने अन्य मेहमानों और प्रायोजकों को भी नहीं बख्शा। उन्हें कहा गया कि वे कार्यक्रम से हट जाएं या मुझे बोलने से रोकें। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए उन्हें सुरक्षा के इंतजाम करने पड़े।
लेकिन अबू धाबी के लोगों से मुझे जो प्रतिक्रिया मिली, वह जबरदस्त थी और वास्तव में दिल को छू लेने वाली थी। इसने सत्य की शक्ति में मेरे विश्वास की पुष्टि की। इसने एक बार फिर दिखाया कि कैसे मुट्ठी भर लोग घटनाओं और आख्यानों को हाईजैक करने का प्रयास कर सकते हैं और यह तय कर सकते हैं कि कौन बोलेगा और कौन नहीं। जबकि यूएई की सरकार और स्थानीय अधिकारियों ने सभी मंजूरी दे दी। कुछ लोगों ने सोचा कि वे अधिकारियों को हटा सकते हैं और एक स्पीकर को रद्द कर सकते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सहिष्णुता के इन तथाकथित चैंपियनों के बारे में बहुत कुछ बोलता है।
My name is Sudhir Chaudhary and I’m not an #Islamophobe.
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) December 1, 2021
Some communal forces use the tag of islamophobia to target others in the name of religion. My Abu Dhabi experience is proof. pic.twitter.com/c4zZV7uD8B
मैंने इस अनुभव को साझा करने का फैसला किया है क्योंकि इन संगठित सोशल मीडिया गिरोहों का पर्दाफाश करना महत्वपूर्ण है जो उन विचारों और विचारधाराओं को स्थान देने से इनकार करते हैं जो उनके अनुरूप नहीं हैं। उनका डटकर मुकाबला करना जरूरी है। मैं अपनी यात्रा को वास्तव में यादगार बनाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की सरकार और स्थानीय अधिकारियों को धन्यवाद देता हूं।
आखिर में सुधीर चौधरी ने मार्क ट्वेन का एक कोट साझा किया, सच जब तक अपने जूते पहन रही होती है, तब तक झूठ आधी दुनिया का सफर तय कर लेता है।