सुब्रमण्यम स्वामी का नागरिकता बिल पर शिवसेना के राज्यसभा से वॉकआउट करने पर किया ट्वीट वायरल, दोनों पार्टियों के साथ आने का बताया फॉर्मूला
By पल्लवी कुमारी | Published: December 12, 2019 05:08 PM2019-12-12T17:08:19+5:302019-12-12T17:08:19+5:30
महराष्ट्र में इस वक्त शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। एक महीने तक चले सियासी उठापटक के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
शिवसेना ने बुधवार (11 दिसंबर) को नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और वॉकआउट कर दिया। इस मसले पर राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'ये अच्छी बात है कि शिवसेना ने अपने हिंदुत्व विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ा है। नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ शिवसेना ने वोट नहीं किया। ये समय है कि बीजेपी और शिवसेना फिर से बातचीत शुरू करे। वो चाहे तो सीएम का पोस्ट ढाई साल तक के लिए रख सकते हैं।' सुब्रमण्यम स्वामी का यह ट्वीट वायरल हो गया है। ट्विटर पर कई यूजर ने इस ट्वीट को शेयर किया है।
महराष्ट्र में इस वक्त शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। एक महीने तक चले सियासी उठापटक के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी। लेकिन वह बहुत साबित नहीं कर पाई।
सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिला इसलिए मतदान से दूर रहे : शिवसेना
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर उच्च सदन में हुए मतदान के दौरान अनुपस्थित रही क्योंकि सरकार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। देसाई ने ‘‘ पीटीआई-भाषा’’से कहा कि शिवसेना ने विधेयक पर मतदान से पहले राज्यसभा से बर्हिगमन किया।
नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा में 11 दिसंबर और लोकसभा में 9 दिसंबर को मंजूरी मिल चुकी है। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस इस बिल के खिलाफ है। नागरिकता संशोधन बिल के तहत पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।