सोशल मीडिया पर #जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल की उठी मांग, मोदी सरकार के इस फैसले के बाद फूटा लोगों का गुस्सा
By पल्लवी कुमारी | Published: November 22, 2019 11:03 AM2019-11-22T11:03:33+5:302019-11-22T11:03:33+5:30
केन्द्र की मोदी सरकार मोदी सरकार ने निर्देश दिया है कि IIT और IIM जैसे संस्थानों में प्राध्यापकों की नियुक्ति में जाति आधारित आरक्षण सुनिश्ति किया जाए।
ट्विटर पर जाति आरक्षण को तत्काल हटाने की मांग की जा रही है। ये ट्रेंड तब से चल रहा है, जब से केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यह ऐलान किया है कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में भर्ती के लिए जाति आधारित आरक्षण के विवादास्पद मुद्दे पर ध्यान देंगे। इसके बाद से ट्विटर पर हैशटैग #जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ लोगों का कहना है कि जाति के नाम पर आरक्षण से देश बर्बाद हो रहा है।
एक वैरिफाइड यूजर ने कहा, अमेरिका के 35% डॉक्टर, नासा के 36% वैज्ञानिक, माइक्रोसॉफ्ट के 34% कर्मचारी, IBM के 28% कर्मचारी सभी भारतीय हैं। लेकिन फिर भी हमारा देश पिछड़ा हुआ है, क्योंकि वोटबैंक के स्वार्थी नेताओं ने वोटों के लालच के लिए प्रतिभाओं को मारकर आरक्षण को बढ़ावा दिया है।
अमेरिका के 35% डॉक्टर,
— अनुज बाजपेई (@Real_Anuj) November 22, 2019
नासा के 36% वैज्ञानिक,
माइक्रोसॉफ्ट के 34% कर्मचारी,
IBM के 28% कर्मचारी सभी भारतीय हैं।
लेकिन फिर भी हमारा देश पिछड़ा हुआ है, क्योंकि वोटबैंक के स्वार्थी नेताओं ने वोटों के लालच के लिए प्रतिभाओं को मारकर आरक्षण को बढ़ावा दे रखा है#जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल
एक यूजर ने लिखा, जातियों पर आरक्षण, समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और धर्मनिरपेक्ष देश में नहीं होना चाहिए।
Reservation on castes violate fundamental right of EQUALITY & should not be in a secular country. Make it ECONOMIC so that all castes & religion people are benefited than politician more telling castes to vote for them in wake of reservations for them. #जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल
— Noorani Kaushal (@noorani_sun) November 22, 2019
एक यूजर ने कहा है कि यह देश के सभी समस्याओं का मूल कारण है, जिसका 1909 से हिन्दू समाज सामना कर रहा है।
#जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल this is the root cause of all the problems hindu society have been facing since 1909 .undue advantages have been given to a section for more than 100 years and talents have been neglected this irreparable damge will always hunt India .
— Adv Ravi Mishra Shastri एड . रवि मिश्र शास्त्री (@ravi4nation) November 22, 2019
वहीं एक यूजर ने पीएम मोदी से पूछा है कि आप बताइए देश से आप जाति पर आरक्षण क्यों नहीं हटा रहे हैं।
Dear @PMOIndia please let us know, why you cannot remove reservation on the basis of cast. You can give reservation on the basis of economic status of a family. Poor general category people are suffering for more than 70yrs. India is suffering.#जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल
— Prashant Singh (@prashantjadon18) November 22, 2019
इसको लेकर कुछ मीम्स भी बनाए गए हैं।
Equality is just a big sham#जातिआरक्षण_हटाओ_तत्कालpic.twitter.com/GEvFKLiRg2
— Betaaz Badshah (@bhaveshkjha) November 22, 2019
Great Constitution of India.#जातिआरक्षण_हटाओ_तत्कालhttps://t.co/Qw7Nf3uiMa
— Dev (@imDevKT) November 22, 2019
70 years was enough, as baba saheb allowed it for only 10 years, so if dalits respect him then follow him. He was a proud Hindu, never defame his religion and their supporters hmmmmm RAM bhala kare. #आरक्षण_हटाओ_देश_बचाओ#जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल@Real_Anujpic.twitter.com/JPLnCeE4If
— Abhishek Pathak 🇮🇳 (@its_abhishek1) November 22, 2019
Indian Constitution - all people are equal
— Aniket Aryan (@Oye_Any) November 22, 2019
General category people - #जातिआरक्षण_हटाओ_तत्काल#Any 😆 pic.twitter.com/ppqCaB6ahq
जानें आरक्षण को लेकर सरकार ने क्या दिए हैं निर्देश
मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सरकार से संबंधित तकनीकी संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम और आईआईएसईआर में शिक्षण पदों पर भर्ती के लिए जाति-आधारित आरक्षण नीति लागू करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में निर्देश इसी हफ्ते की शुरुआत में भेजे गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ये संस्थान संविधान के तहत जरूरी आरक्षण के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
संविधान में प्रावधानों के अनुसार सभी सरकारी संस्थानों में अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देना अनिवार्य है।