'37 फीसदी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हुए है उत्पीड़ित', पूरे देश में हुए सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

By आजाद खान | Published: March 13, 2023 03:53 PM2023-03-13T15:53:46+5:302023-03-13T16:44:55+5:30

सर्वे के अनुसार, इसमें शामिल होने वाले लोगों में से कुल 11 फीसदी ऐसे लोग है जिनका यह कहना है कि जागरूकता अभियानों और कड़ी सजा/जुर्माने से कोई फर्क नहीं पड़ सकता है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में उत्पीड़न जारी रह सकता है।

shocking figures revealed local circle survey conducted across country that 37 percent people harassed public transport | '37 फीसदी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हुए है उत्पीड़ित', पूरे देश में हुए सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsपब्लिक ट्रांसपोर्ट में उत्पीड़न को लेकर एक सर्वे सामने आया है।सर्वे में बताया गया है कि 37 लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में उत्पीड़न का सामना किया है। बता दें कि यह सर्वे पूरे देश में चार टियरों में किया गया है।

नई दिल्ली: देश भर में किए गए सर्वे में यह पता चला है कि इस सर्वे में 37 फीसदी लोग ऐसे निकले हैं जिन्होंने ने कभी न कभी फ्लाइट, ट्रेन और बसों सहित अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हाथापाई, उत्पीड़न या दुर्व्यवहार को झेला है या इसे होते देखा है। आपको बता दें कि इस सर्वे में देश भर की महिला और पुरुष की राय ली गई है।

ऐसे में सर्वे के रिपोर्ट को तैयार करने के लिए टियर एक से लेकर चार तक के टियर के लोगों को शामिल किया गया था। आमतौर पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में एक यात्री के लिए किसी भी तरह की समस्या का सामना करना आम बात है। आय दिन यात्रियों को उनके सफर के दौरान कुछ न कुछ घटनाएं घटती रहती है, ऐसे में इस सर्वे ने ऐसी ही घटनाओं का खुलासा किया है। 

सर्वे में क्या हुआ है खुलासा

लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए इस सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि इस सर्वे में लगभग 69 फीसदी लोग ऐसे थे जिनका यह मानना था कि जागरूकता अभियान, चालान और जुर्माने के जरिए से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हाथापाई, उत्पीड़न या दुर्व्यवहार की घटनाओं को रोका जा सकता है। यही नहीं 56 प्रतिशत लोगों ने यह कहा है कि वे इस तरह की घटनाओं को सामना नहीं किए है। ऐसे में इस सर्वे में शामिल होने वाले सात फीसदी लोगों ने अपनी राय नहीं दी है। 

ऐसे में जिन लोगों ने ऐसी घटनाओं का सामना किया है उन में से 10 फीसदी का मानना है कि वे पिछले तीन सालों में ऐसी घटनाओं को चार से छह बार देखा है या इसे अपने सामने होते देखा है। इस हालत में 16 प्रतिशत लोगों ने दो से तीन बार और 11 फीसदी लोगों ने एक बार ऐसे संकेत दिए है।

हर टियर के महिला और पुरुष हुए थे शामिल 

बता दें कि इस सर्वे में  भारत के 321 जिलों में स्थित नागरिकों से 20,000 से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिली है। इन प्रतिक्रियाओं में 66 फीसदी पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाओं की प्रतिक्रिया शामिल है। यह नहीं लोकल सर्कल्स की अगर माने तो सर्व में सबसे ज्यादा टियर एक के लोग शामिल हुए थे और इनकी संख्या 47 फीसदी है। इसकी तरीके से टियर दो, तीन और चार ग्रामीण जिलों से भी थे। 
 

Web Title: shocking figures revealed local circle survey conducted across country that 37 percent people harassed public transport

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