शाहजहांपुरः जिंदा बुजुर्ग ओमप्रकाश को जीवित होने के बाद भी सरकारी अभिलेखों में 'मृत' घोषित करने वाले ग्राम विकास अधिकारी निलंबित, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 6, 2022 14:01 IST2022-09-06T14:00:05+5:302022-09-06T14:01:43+5:30

मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने मंगलवार को बताया कि तिलहर तहसील के फतेहपुर गांव में रहने वाले ओमप्रकाश (70) को अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया था जिसके चलते बैंक से उनकी वृद्धावस्था पेंशन तथा अन्य धन राशि का आहरण नहीं हो पा रहा था।

Shahjahanpur Village development officer declared Om Prakash alive in government records even after being alive, suspended | शाहजहांपुरः जिंदा बुजुर्ग ओमप्रकाश को जीवित होने के बाद भी सरकारी अभिलेखों में 'मृत' घोषित करने वाले ग्राम विकास अधिकारी निलंबित, जानिए

ग्राम विकास अधिकारी सुमित कुमार के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है तथा उनके द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्रों की भी जांच कराई जा रही है।

Highlightsजांच के आदेश तहसीलदार तिलहर ज्ञानेंद्र सिंह को दिए गए थे।ग्राम विकास अधिकारी सुमित कुमार की घोर लापरवाही सामने आई, अभिलेखों में ओम प्रकाश को मृत घोषित कर दिया था।तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

शाहजहांपुरः उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में रहने वाले ओमप्रकाश को जीवित होने के बाद भी सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित करने वाले ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। दस्तावेजों में मृत वृद्ध को पुन: जीवित दर्शाने के लिए अभिलेखों में सुधार किया जा रहा है।

 

मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने मंगलवार को बताया कि तिलहर तहसील के फतेहपुर गांव में रहने वाले ओमप्रकाश (70) को अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया था जिसके चलते बैंक से उनकी वृद्धावस्था पेंशन तथा अन्य धन राशि का आहरण नहीं हो पा रहा था।

उन्होंने कहा कि जैसे ही उनकी शिकायत प्रकाश में आई तत्काल ही जांच के आदेश तहसीलदार तिलहर ज्ञानेंद्र सिंह को दिए गए थे। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में फतेहपुर गांव के ग्राम विकास अधिकारी सुमित कुमार की घोर लापरवाही सामने आई, जिन्होंने अभिलेखों में ओम प्रकाश को मृत घोषित कर दिया था।

उन्होंने बताया कि इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सिंह ने बताया कि मामले में ग्राम विकास अधिकारी सुमित कुमार के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है तथा उनके द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्रों की भी जांच कराई जा रही है।

तिलहर तहसील के अंतर्गत फतेहपुर गांव में रहने वाले ओमप्रकाश शनिवार को थाना दिवस में अधिकारियों के सामने पेश हुए थे और कहा, "साहब मैं ओमप्रकाश हूं, जीवित हूं अभी मरा नहीं ,परंतु अधिकारियों ने तो हमें जीते जी मार डाला। अब ना तो कोई आर्थिक मदद आ रही है और ना ही बैंक से पैसा निकल रहा है। मेरी गन्ने की फसल की सिंचाई पैसों की कमी के कारण नहीं हो पा रही।"

ओमप्रकाश ने बताया कि सरकारी अभिलेखों में एक वर्ष पहले ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जब वह वृद्धावस्था पेंशन का पैसा बैंक निकालने गए तो वहां बताया गया कि आप की मौत हो चुकी है ऐसे में खाते से पैसा नहीं निकल सकता। इसके बाद उनके गन्ने का पैसा चीनी मिल से आया परंतु वह भी नहीं निकल पाया।

Web Title: Shahjahanpur Village development officer declared Om Prakash alive in government records even after being alive, suspended

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