राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है, जो 8 नवंबर 2019 को सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में 40 दिन तक दलीलें सुनीं। इस मसले पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी एक ट्वीट किया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, अयोध्या में मुस्लिमों को 11 मस्जिदों में नमाज पढ़ने की छूट दी जा सकती है। सुब्रमण्यम स्वामी का ये ट्वीट वायरल हो रहा है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''विराट हिंदू केवल मुस्लिमों को अयोध्या की सीमा में मौजूद 11 मस्जिदों की मरम्मत और नमाज पढ़ने की रियायत दे सकते हैं। अभी इन मस्जिदों में गाय-बकरियां चर रही हैं। मुसलमानों को याद है कि अधिकांश इस्लामी देशों में किसी भी मंदिर की अनुमति नहीं है।''
सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर एक यूजर ने कहा, आप भारत का मुस्लिम देश से क्यों तुलना कर रहे हैं?
इसका रिप्लाई करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, भारत नहीं है। लेकिन कट्टर मुस्लिम ऐसा करते हैं और कांग्रेस में तथाकथित हिंदू करते हैं।
एक यूजर ने लिखा, सुब्रमण्यम स्वामी को ये याद रखना चाहिए कि भारत अब भी एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। ना कि हिंदुओं का देश है।
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के दिन बुधवार को सुब्रमण्यम स्वामी की 'पूजा के अधिकार' याचिका को सुनने से इनकार कर दिया। अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक की कानूनी लड़ाई साल 1885 से चल रही है।