राजस्थानः राज्यपाल कलराज मिश्र मिले संदीप चौधरी, ग्लोबल वार्मिंग पर चर्चा, भारत में हर वर्ष 45000 करोड़ टन कार्बन हो रहा जनरेट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 7, 2022 04:25 PM2022-07-07T16:25:27+5:302022-07-07T16:40:00+5:30
भारत में ग्लोबल वार्मिंग कम करने की मुहिम चलाई जा रही है. 1960 में नासा ने अपोलो मिशन के दौरान एस्ट्रोनॉट्स के स्पेसशूट में सबसे पहले इन्फ्लेक्टर का उपयोग किया.
जयपुरः ग्लोबल वार्मिंग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर कार्य कर रहे संदीप चौधरी ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र जी से मुलाकात की.भारत में हर वर्ष 45000 करोड़ टन का जो कार्बन जनरेट हो रहा है उसे किस प्रकार से कम किया जा सके और धरती को ग्लोबल वार्मिंग से बचाया जा सके.
राजस्थान के झुंझुनू जिले के संदीप चौधरी हाल ही में इन्फ्लेक्टर इंडिया के सह-संस्थापक हैं, जो पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं नासा द्वारा बनाए गए इंफ्लेक्टर के जरिए भारत में ग्लोबल वार्मिंग कम करने की मुहिम चलाई जा रही है.
संदीप चौधरी को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है इन्हें भारत के केई प्रदेशो के मुख्यमंत्रियो द्वारा सम्मानित किया गया है संदीप चौधरी भारत के एकमात्र व्यक्ति थे जिन्हें जापान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा हमारे गतिशील और ईमानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया था.
इन्फ्लेक्टर एक सोलर हीट बैरियर है, जिसको नासा ने बनाया है. 1960 में नासा ने अपोलो मिशन के दौरान एस्ट्रोनॉट्स के स्पेसशूट में सबसे पहले इन्फ्लेक्टर का उपयोग किया. इसकी कामयाबी के बाद 90 के दशक में इसका कॉर्मशियल इस्तेमाल शुरू हुआ और दुनिया के 60 से अधिक देश अलग-अलग तरीके से इन्फ्लेक्टर का इस्तेमाल करते हैं.
संदीप चौधरी की माने तो एक रिसर्च में यह बात निकल के आई थी कि 75 फीसदी सोलर हीट विंडो के जरिए आता है, इन्फ्लेक्टर को विंडो में लगाया जाता है और यह विंडो के जरिए अंदर आने वाली हीट को 70 से 80 फीसदी तक कम कर देता है जिससे कार्बन की उत्पत्ति कम होगी और सर्दी के समय अगर इसे रिवर्स कर देते हैं तो सनलाइट को ऑब्जर्व करके इन्फ्लेक्टर रूम को गर्म रखता है. तो इस प्रकार से हम इन्फ्लेक्टर को बढ़ावा देकर कार्बन जनरेशन को कम करने के प्रयास में लगें है.
संदीप चौधरी ने कहा कि एक इन्फ्लेक्टर का इस्तेमाल आप 25 साल तक कर सकते हैं, और हम इसे भारत में बाकी देशो के मुकाबले कम दाम में उपलब्ध करवा रहे है इसका कारण ये है की भारत में इंफलेक्टर का उपयोग बढे और हम अपनी पृथवी को ग्लोबल वार्मिंग जैसे कहर से बचा सके.