Kavach: एक ही पटरी पर आमने-सामने से आ रही थीं ट्रेनें, 'कवच' ने रोकी टक्कर, एक में सवार थे रेल मंत्री, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 4, 2022 04:10 PM2022-03-04T16:10:41+5:302022-03-04T16:28:02+5:30
शुक्रवार को भारतीय रेलवे ने कवच तकनीक का सफल परीक्षण किया। इसके गवाह स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बने। यह तकनीक ट्रेन के एक्सीडेंट को रोकने में कारगर साबित होगी।
हैदरादबाद: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भारतीय रेवले की नई तकनीक 'कवच' का परीक्षण कर रहे थे। वे एक रेल के लोको पायलट वाले केबिन में सवार थे, जिस पटरी पर उनकी ट्रेन चल रही थी उसी पटरी पर सामने से दूसरी ट्रेन भी आ रही थी, लेकिन रेलमंत्री जिस ट्रेन में सवार थे। वह ट्रेन सामने से आ रही ट्रेन से 380 मीटर की दूरी पर अपने आप रूक गई। कुछ ऐसे रेलवे के द्वारा कवच तकनीक का सफल परीक्षण किया गया। सफल परीक्षण के बाद रेलमंत्री ने इस तकनीक को विकसित करने वाले इंजीनियरों को बधाई दी।
बता दें कि दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। रेल मंत्री ने अश्विनी वैष्णव ने इस परीक्षण के कई वीडियोज अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किए हैं।
Loop-line crossing test done👍.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
Kavach automatically restricts the speed to 30 kmph (allowed speed) while crossing/entering loop-line. #BharatKaKavachpic.twitter.com/SHDOyaE39u
As the gate approaches, Kavach automatically initiates whistling without any intervention from the driver.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
Auto whistle test is done successfully. 👏👏#BharatKaKavachpic.twitter.com/02WrSJ1MYl
आत्मनिर्भर भारत की मिसाल- भारत में बनी 'कवच' टेक्नोलॉजी।
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
Successfully tested head-on collision. #BharatKaKavachpic.twitter.com/w66hMw4d5u
‘शून्य दुर्घटना’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली का निर्माण किया गया। कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी।
इस डिजिटल प्रणाली के कारण मानवी त्रुटियों जैसे कि लाल सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर ट्रेन स्वत: रुक जायेगी। कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये है।