पटनाः 'ग्रेजुएट चायवाली’ के बाद अब 'आत्मनिर्भर चायवाली’, धमाल मचा रहीं ये इंगलिश स्‍पीकिंग लड़कियां, पीएम मोदी के आत्‍मनिर्भर भारत से प्रेरित, जानिए

By एस पी सिन्हा | Updated: May 15, 2022 17:13 IST2022-05-15T17:12:40+5:302022-05-15T17:13:46+5:30

बिहार में  समस्तीपुर जिले की निवासी ’आत्मनिर्भर चायवाली’ मोना पटेल के पिता कुंदन पटेल एक निजी स्कूल में शिक्षक हैं.

Patna 'Graduate Chaiwali' 'Atmanirbhar Chaiwali' English speaking girls making splash inspired PM narendra Modi self-reliant India | पटनाः 'ग्रेजुएट चायवाली’ के बाद अब 'आत्मनिर्भर चायवाली’, धमाल मचा रहीं ये इंगलिश स्‍पीकिंग लड़कियां, पीएम मोदी के आत्‍मनिर्भर भारत से प्रेरित, जानिए

चार से पांच तरह की चाय को 10 से 20 रुपये तक की कीमत पर बेच कर वह रोजाना चाय बेच कर एक हजार रुपये तक कमा लेती है. (file photo)

Highlights’आत्मनिर्भर चायवाली’ की कहानी ’ग्रेजुएट चाय’ का स्टॉल लगाने वाली प्रियंका गुप्ता से अलग है.गांधी मैदान के पास मोना का ’आत्मनिर्भर टी स्‍टाल’ आकर्षण का केंद्र बन गया है.मसाला चाय, कुल्हड़ चाय व पान चाय तो ग्राहक खूब पसंद कर रहे हैं.

पटनाः बिहार में इन दिनों चाय दुकान खोलने का ट्रेंड चल पड़ा है. पटना में ’ग्रेजुएट चायवाली’ के बाद अब ’आत्मनिर्भर चायवाली’ सामने आई है. इसने शादी से बचने के लिए चाय का दुकान खोली है. लेकिन 'आत्मनिर्भर चायवाली' के टी-स्‍टाल पर भीड़ उमड़ रही है.

खास बात यह कि बिहार में दोनों लड़कियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्‍मनिर्भर भारत से प्रेरित हैं. दोनों चायवालियां उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त तथा फर्राटेदार अंग्रेजी बालती हैं. मूल रूप से समस्तीपुर जिले की निवासी ’आत्मनिर्भर चायवाली’ मोना पटेल के पिता कुंदन पटेल एक निजी स्कूल में शिक्षक हैं.

पटना के जेडी वीमेंस कॉलेज से साल 2021 में बीसीए करने के बाद महज 15 हजार की नौकरी मिली तो इसमें मोना पटेल का मन नहीं लगा. इसी बीच नौकरी नहीं मिलने पर पटना वीमेंस कालेज के पास चाय बेचने वाली 'ग्रेजुएट चायवाली' की सफलता की कहानी सुनी तो मोना ने भी ऐसा ही करने की ठानी. लेकिन  ’आत्मनिर्भर चायवाली’ की कहानी ’ग्रेजुएट चाय’ का स्टॉल लगाने वाली प्रियंका गुप्ता से अलग है.

गरीबी के कारण जब परिवारवालों ने उसकी शादी तय कर दी तो इससे बचने के लिए जेडी विमेंस कॉलेज से ग्रेजुएट मोना पटेल ने चाय की स्टॉल खोल दी. मोना ने नौकरी छोड़ परिवार को बिना बताए पटना के गांधी मैदान के पास चाय बेचने लगी. मोना पटेल ने बताया कि पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पिता शादी करवाने की बात कह रहे हैं. लेकिन मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूं.

मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसकी वजह से मुझे कुछ न कुछ काम करना था और मैं प्राइवेट जॉब नहीं करना चाहती हूं. ऐसे में मैंने यूट्यूब पर प्रियंका गुप्ता को देख कर इंस्पायर्ड हो गई. इसके बाद मैंने भी अपना स्टॉल खोलने का फैसला लिया. मोना ने बताया कि स्टॉल तो मैं काफी पहले खोल लेती, लेकिन खुद सडकों पर उतरने का हौसला प्रियंका जी को देख कर आया.

मोना ने बताया की शनिवार सुबह 6 बजे उसने अपने चाय का स्टॉल खोला और दिन के 1 बजे तक 1 हजार रुपए कमा चुकी थी. मोना ने कहा कि अगर मेरा ये स्टॉल ठीक से चलता है तो आगे इसको ब्रांड बनाने का कोशिश करूंगी और भी ब्रांच खोलूंगी. वहीं, पटना के गांधी मैदान के पास मोना का ’आत्मनिर्भर टी स्‍टाल’ आकर्षण का केंद्र बन गया है.

उसकी मसाला चाय, कुल्हड़ चाय व पान चाय तो ग्राहक खूब पसंद कर रहे हैं. अपनी चार से पांच तरह की चाय को 10 से 20 रुपये तक की कीमत पर बेच कर वह रोजाना चाय बेच कर एक हजार रुपये तक कमा लेती है.

 

Web Title: Patna 'Graduate Chaiwali' 'Atmanirbhar Chaiwali' English speaking girls making splash inspired PM narendra Modi self-reliant India

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