#NirbhayaCase: सोशल मीडिया पर फांसी टलने पर फूटा लोगों का गुस्सा, कोर्ट ने बताई ये वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 2, 2020 06:59 PM2020-03-02T18:59:54+5:302020-03-02T18:59:54+5:30
फांसी की सजा टलने के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #NirbhayaCase और #NirbhayaVerdict ट्रेंड करने लगा.
दिल्ली की पटिलाया कोर्टनिर्भया गैंगरेप और हत्या ( 2012) मामले के चार दोषियों की फांसी अगले आदेश तक के लिए टाल दी। चारों दोषियों को मंगलवार (3 मार्च) को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी। फांसी की सजा टलने के बाद ही सोशल मीडिया पर निर्भया केस ट्रेंड करने लगा। ट्विटर पर कई यूजर्स जल्द से जल्द फांसी देने की मांग कर रहे हैं। कुछ यूजर्स न्यायपालिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। निर्भया की मां ने इस मामले में कहा है कि दोषी न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं लेकिन उन्हें न्याय प्रणाली पर भरोसा है।
जानें फांसी की सजा टलने पर कोर्ट ने क्या कहा
अदालत ने कहा, मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी को सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने का उचित मौका नहीं मिलने को लेकर अदालतों के खिलाफ शिकायत नहीं करनी चाहिए। ऐसे में जब दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका लंबित है, फांसी की सजा की तामील नहीं की जा सकती। दोषी पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के समक्ष सोमवार (2 मार्च) को एक दया याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पवन गुप्ता की याचिका
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी थी। इस आदेश के बाद पवन गुप्ता के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उसने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की है इसलिए फांसी पर रोक लगाई जाए। इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने चार दोषियों में से दो की याचिकाएं खारिज कर दीं। याचिका में मंगलवार (3 मार्च) सुबह होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अदालत ने 17 फरवरी को मुकेश कुमार सिंह (32), पवन कुमार गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने की तारीख तीन मार्च सुबह छह बजे तय की थी।