170 किलोमीटर लंबा और बस 200 मीटर चौड़ा, रहेंगे 90 लाख लोग! रेगिस्तान में बन रहा दुनिया का सबसे अद्भुत शहर
By मेघना सचदेवा | Published: August 9, 2022 02:35 PM2022-08-09T14:35:47+5:302022-08-09T14:36:21+5:30
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने नियोम (NEOM) के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के डिजाइन को दुनिया के सामने रख दिया है। नियोम 'द लाइन सिटी' नाम के इस प्रोजेक्ट को पहाड़ी रेगिस्तान में बनाया जाएगा जहां न पीने का पानी है न पेड़ की छाया। ये दुनिया का पहला वर्टिकल शहर होगा।
नई दिल्लीछ आप जब भी लाइन शब्द सुनते हैं तो आपके जहन में रेखा, पंक्ति या तार जैसी कोई चीज आती होगी। एक लाइन सऊदी अरब भी बना रही है लेकिन ये लाइन आपकी कल्पना से बिल्कुल परे है। सऊदी अरब में बनने वाली ये लाइन दरअसल 170 किमी लंबा वर्टिकल शहर होगा जिसकी चौड़ाई होगी केवल 200 मीटर। इसको नियोम 'द लाइन सिटी' (NEOM- The Line) नाम दिया गया है। ये अजूबा शहर कैसे बसेगा, कितने घर होंगे, कब तक ये बन कर तैयार होगा, इसे बनाने का मकसद क्या है, आइए जानते हैं सब कुछ...
नियोम 'द लाइन सिटी' क्या है?
'द लाइन सिटी' दुनिया का पहला ऐसा शहर होगा जो एक ही सीधी लाइन में बसा होगा। एक ऐसा शहर जिसमें अत्याधुनिक सुविधाए होंगी लेकिन न तो प्रदूषण होगा, कोई गाड़ियां नहीं होंगी और कार्बन उत्सर्जन शून्य होगा। 'नियो' का मतलब नया होता है जबकि 'म' से मुस्तकबिल यानी भविष्य का अरबी शब्द इन दोनों को मिलकर नए भविष्य का सपना देखते हुए 29 जुलाई को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के डिजाइन को दुनिया के सामने रखा।
नियोम 'द लाइन सिटी' नाम के इस प्रोजेक्ट को पहाड़ी रेगिस्तान में बनाया जाएगा जहां न पीने का पानी है न पेड़ की छाया। दुनिया के सामने रखे गए नियोम प्रोजेक्ट के बारे में जो जानकारी अब तक सऊदी अरब की तरफ से सामने आई है उसके मुताबिक ये एक वर्टिकल शहर होगा। हालांकि अब तक ऐसा कोई वर्टिकल शहर दुनिया में नहीं बसा है। वर्टिकल बनी दिवारों से घिरे इस शहर की खासियत ये भी होगी कि ये दिवारें शीशे की बनी होंगी। जिसकी ऊंचाई 500 मीटर रहेगी। इस शहर में 90 लाख लोग रह सकते हैं।
कब तक बन कर तैयार होगा नियोम ?
अजूबे जैसा शहर बिना किसी सड़क और गाड़ियों के होगा। हालांकि हाई स्पीड ट्रेन जरूर होगी जो लोगों को सिर्फ 20 मिनट के अंदर शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक पंहुचा देगी। ये शहर पूरी तरह रिन्यूएबल एनर्जी पर चलेगा और जीरो कार्बन एमीशन वाला शहर होगा। बताया जा रहा है कि इस शहर को बनाने में 500 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा। इस शहर का क्षेत्रफल 26,500 वर्ग किमी होगा और इसके 2025 तक पूरे होने की उम्मीद है। ये शहर यूएई के तबूक के पास बसाया जा रहा है जिसके एक तरफ गल्फ ऑफ अकाबा है तो दूसरी तरफ रेड सी नियोम से 5 किमी दूर मिस्र का शहर है जो एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट के रूप में पहले ही विकसित हो चुका है।
🔊 Built with the most advanced engineering and design imaginable, THE LINE is a landmark city stretching 170 km. A revolution in urban living.
— NEOM (@NEOM) July 25, 2022
A city that delivers new wonders for the world.#TheLINE#NEOMpic.twitter.com/urmRtJ5XNE
लाइन सिटी बनाने का मकसद क्या है ?
नियोम शहर को जहां तैयार किया जा रहा है, वहां दुनिया के लगभग सभी देशों से 8 घंटे की फ्लाइट से यहां पंहुचा जा सकेगा। सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 2017 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी और दि लाइन प्रोजेक्ट को 2030 तक बना लेने का लक्ष्य रखा था। इसका मकसद तेल से निर्भरता खत्म करने की तैयारी को बताया जा रहा है। लगातार खत्म होता पेट्रोलियम खाड़ी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। सऊदी प्रिंस ने सऊदी को रिब्रांड करने की योजना बनाई है जिसका नाम दिया है विजन 2030। इससे सऊदी में तेल के अलावा दूसरे रास्ते खुल जाऐंगे।
कैसे होगा इस शहर के लिए पानी का इंतजाम ?
यूएई फिलहाल समुद्र के पानी को शुद्ध करके ही अपनी जनता के लिए पीने का पानी पहुंचाता है। इसकी लागत काफी ज्यादा होती है। नियोम जैसी अल्ट्राटेक सिटी को पानी देने के लिए एक नई तकनीकि अपनाई जा रही है। जिसमें ग्लास के बड़े बड़े ग्लोबनुमा तालाब तैयार किए जाएंगे जिसमें समुद्र का पानी आएगा और उसे सोलर एनर्जी से गर्म किया जाएगा। फिर उसकी वाष्प को ठंडा करके पीने लायक पानी बनाया जाएगा। इसे बनाने की लागत में कमी आएगी।
पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो नियोम के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि अभी प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए इन्वेस्टर समिट का भी आयोजन किया जाएगा। बिजनस इंसाइडर में छपी एक रिपार्ट के मुताबिक नियोम प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि वहां का इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह 2030 तक बन कर तैयार हो जाएगा। इससे 3 लाख से भी ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी।