'मुस्लिम हमारे धर्म को नहीं पढ़ा सकते', #BHU_में_फिरोज_क्यों पर मचा है बवाल, जानें पूरा मामला

By पल्लवी कुमारी | Updated: November 18, 2019 12:08 IST2019-11-18T12:08:27+5:302019-11-18T12:08:27+5:30

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति हुई है। इस नियुक्ति के बाद से सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

Muslim can’t teach us Sanskrit BHU students protest Feroz Khan appointed in literature dept | 'मुस्लिम हमारे धर्म को नहीं पढ़ा सकते', #BHU_में_फिरोज_क्यों पर मचा है बवाल, जानें पूरा मामला

'मुस्लिम हमारे धर्म को नहीं पढ़ा सकते', #BHU_में_फिरोज_क्यों पर मचा है बवाल, जानें पूरा मामला

Highlightsछात्र विरोध में यह भी कह रहे हैं कि हिंदुओं के भाषा को एक मुसलमान शख्स कैसे पढ़ा सकता है। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले भी स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी के नियमानुसार शिक्षक की योग्यता को देखते हुए नियुक्ति की गई है

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी को लेकर ट्विटर पर एक हैशटैग #BHU_में_फिरोज_क्यों ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड की वजह से बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति। डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के बाद से कैंपस में विरोध हो रहा है। ये विरोध अब धीरे-धीरे सोशल मीडिया तक पहुंच चुका है। बहुत लोग #BHU_में_फिरोज_क्यों के साथ पूछ रहे हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है। वहीं छात्रों का कहना है कि संस्कृत के लिए मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति करना गलत है। यह हिन्दू धर्म का अपमान है। 

छात्र विरोध में यह भी कह रहे हैं कि हिंदुओं के भाषा को एक मुसलमान शख्स कैसे पढ़ा सकता है। नियुक्ति के विरोध में सात नंवबर से कुलपति आवास के बाहर छात्र धरने पर बैठे हुए हैं। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कुलपति ने छात्राओं के साथ बैठक भी की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया। 

पत्रकार यशवंत देशमुख ने इस पूरे मुद्दे पर ट्वीट कर लिखा है, बेवकुफों का  झुंड। जो लोग इस तरह के फिल्टर को हटाए बिना अपने "गुरु" को नहीं देख सकते हैं वे धर्म के बारे में जानने के लायक नहीं हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय को बस उन्हें टीसी देनी चाहिए और ताकी वह कहीं और जाकर पढ़े।

सोशल मीडिया पर एक वैरिफाइड यूजर ने पूछा है,  'मित्रों बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का क्या मैटर है। वहां पर किसी फिरोज खान नाम के व्यक्ति को वेद पाठ के लिए चुना गया है। 
जहां गैर हिंदुओं की इजाजत नहीं।आप में से किसी को है कोई जानकारी इस विषय में। #BHU_में_फिरोज_क्यों'

वहीं एक यूजर ने लिखा है कि बीएचयू में फिरोज को एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा। 

कुछ यूजर इस हैशटैग के साथ बीएचयू के विरोध कर रहे छात्रों की भी आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है, बीएचयू कोई मंदिर नहीं है, जहां धर्म देखकर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। 

इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कहा? 

इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले भी स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी के नियमानुसार शिक्षक की योग्यता को देखते हुए नियुक्ति की गई है। कुलपति राकेश भटनागर ने शुक्रवार को डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को आवास पर बुलाकर करीब दो घंटे चर्चा की। इससे पहले कुलपति ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय प्रमुख और संकाय के सभी विभागाध्यक्षों के साथ भी विस्तार से चर्चा की।

Web Title: Muslim can’t teach us Sanskrit BHU students protest Feroz Khan appointed in literature dept

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