अविश्वसनीय!: दुनिया का एकमात्र पुरुष जो किसी महिला को देखे बिना 82 साल तक जीवित रहा, जानिए

By अनिल शर्मा | Published: November 18, 2021 12:14 PM2021-11-18T12:14:31+5:302021-11-18T12:20:00+5:30

रिपोर्ट के मुताबिक मिहेलो ने न तो गाड़ी देखी थी, न फिल्म देखी थी और न ही हवाई जहाज देखा था।

mihailo tolotos the only man in the world who died at age 82 without seeing a woman | अविश्वसनीय!: दुनिया का एकमात्र पुरुष जो किसी महिला को देखे बिना 82 साल तक जीवित रहा, जानिए

अविश्वसनीय!: दुनिया का एकमात्र पुरुष जो किसी महिला को देखे बिना 82 साल तक जीवित रहा, जानिए

Highlightsरिपोर्ट के मुताबिक टोलोटोस 82 साल की उम्र में गुजरा। यह खबर 29 अक्टूबर 1938 के अखबार में छपी थीवह दुनिया का एकमात्र पुरुष था जिसने कभी किसी महिला को नहीं देखा

एथेंस: यह किंवदंती उतनी ही सच है, जितनी प्राचीन काल से चली आ रही अन्य पौराणिक किंवदंतियां। 1856 के आस-पास पैदा हुए मिहेलो टोलोटोस (साधु) ने अपने पूरे जीवनकाल में एक भी महिला को नहीं देखा था। यहां तक की उसने अपनी मां को नहीं देखा पाया था। कहा जाता है कि उसकी मां उसे जन्म देने के कुछ ही समय बाद मर गई थी। मां मरी तो कुछ लोगों ने उसे ले जाकर एथोस पर्वत के ऊपर एक मठ में रूढ़िवादी भिक्षुओं के हवाले कर दिया। यहीं वह पला-बढ़ा, शिक्षा-दीक्षा हासिल की और पूरा जीवन मठ के इसी चारदीवारी में काट दिया। 

बिना किसी महिला को देखे वह इस नश्वर दुनिया से प्रस्थान कर गया। रिपोर्ट के मुताबिक मिहेलो ने न तो गाड़ी देखी थी, न फिल्म देखी थी और न ही हवाई जहाज देखा था। उसे जिस मठ में लाया गया था, वहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। यानी उस मठ और पर्वत पर कोई भी महिला नहीं जा सकती थी। जाहिर सी बात है मठ में ही पले-बढ़े होने के नाते वह भिक्षु ही बना और पूरा जीवन मठ को ही समर्पित कर दिया। 

मठ में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ माउंट एथोस की सख्त नीति है

ग्रीस के जिस माउंट एथोस मठ में मिहेलो ने अंतिम सांस ली, उसके कानून में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ सख्त कानून है। जिसे ग्रीक में βατον (एवटन) कहा जाता है। यह कानून साल 1046 में बीजान्टिन सम्राट कॉन्सटेंटाइन मोनोमाचोस द्वारा स्थापित किया गया था। यह कानून माउंट एथोस पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाता है। यह कानून इसलिए बनाया गया था ताकि मठों में रहने वाले पुरुष शांति के साथ पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन कर सकें। मठ के भिक्षुओं का मानना था कि महिलाओं की उपस्थिति ब्रह्मचर्य और अंततः आध्यात्मिक ज्ञान की ओर उनके मार्ग में बाधा पहुंचाती हैं।

मिहेलो ने भी मठ के सभी कानून माने और मठ की चारदीवारी से बाहर उसने कभी कदम नहीं रखा। बाहरी दुनिया के साथ बहुत सीमित संपर्क होने के कारण, टोलोटोस (कई अन्य लोगों के बीच) महिलाओं से कभी नहीं मिला क्योंकि महिलाओं को मठों के अंदर या पहाड़ पर जाने की अनुमति नहीं थी। पर्यटकों को अनुमति दी जाती थी लेकिन केवल पुरुषों पर्यटकों को।


 
एथेंस के एक अखबार में छपी इस अखबार की कतरन के मुताबिक टोलोटोस 82 साल की उम्र में गुजरा। अखबार में यह खबर 29 अक्टूबर 1938 के अखबार में छपी। मिहेलो की जब मृत्यु हुई तो ओनेस्ट्री में भिक्षुओं ने उसके लिए एक विशेष दफन समारोह का आयोजन किया। क्योंकि उनका मानना ​​था कि वह दुनिया का एकमात्र पुरुष था जिसने कभी किसी महिला को नहीं देखा ।

Web Title: mihailo tolotos the only man in the world who died at age 82 without seeing a woman

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