जब देश में भुखमरी थी एक बादशाह ने मकबरे में 9 करोड़ खर्च कर दिए, गीतकार मनोज मुंतशिर ने ताजमहल को प्यार की निशानी कहे जाने पर भड़के

By अनिल शर्मा | Published: April 4, 2022 08:42 AM2022-04-04T08:42:26+5:302022-04-04T09:36:08+5:30

उज्जैन के गौरव दिवस के मंच से गीतकार मनोज मुंतशिर ने कहा,  17वीं शताब्दी में शाहजहां जब ताजमहल बनवा रहा था, वह वो दौर था, हमारे ही देश इस भारत में 35 लाख लोग भुखमरी के कारण दम तोड़ चुके थे। ऐसे हालात में एक राज उस जमाने के 9 करोड़ रुपए एक मकबरे में खर्च कर देता है।

Manoj Muntashir called Mughals looters furious for calling the Taj Mahal a sign of love | जब देश में भुखमरी थी एक बादशाह ने मकबरे में 9 करोड़ खर्च कर दिए, गीतकार मनोज मुंतशिर ने ताजमहल को प्यार की निशानी कहे जाने पर भड़के

जब देश में भुखमरी थी एक बादशाह ने मकबरे में 9 करोड़ खर्च कर दिए, गीतकार मनोज मुंतशिर ने ताजमहल को प्यार की निशानी कहे जाने पर भड़के

Highlightsउज्जैन में गौरव दिवस के मंच से गीतकार मनोज मुंतशिर ने एक बार फिर मुगलों को लूटेरा बतायामनोज मुंतशिर ने शाहजहां के बनवाए ताजमहल को प्यार की निशानी कहे जाने पर भी सवाल खड़े किएगीतकार ने कहा कि जब 35 लाख लोग भूख से मर गए थे, उस वक्त एक बादशाह ने 9 करोड़ मकबरे पर खर्च कर दिया

उज्जैनः मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर एक बार फिर मुगलों पर जमकर बरसे, उनको लूटेरा बताया। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गौरव दिवस के मंच से मनोज मुंतशिर ने ताजमहल को मोहब्बत की निशानी कहे जाने पर भी सवाल खड़े किए। इसे वे वामपंथी इतिहासकारों की देना बताई। कहा बाएं हाथ से लिखे इतिहास में ये बताने की कोशिश की गई कि ताजमहल मोहब्बत की निशानी है।

मुंतशिर ने कहा,  17वीं शताब्दी में शाहजहां जब ताजमहल बनवा रहा था, वह वो दौर था, हमारे ही देश इस भारत में 35 लाख लोग भुखमरी के कारण दम तोड़ चुके थे। भूख से मर चुके थे। ऐसे हालात में एक राज, एक बादशाह क्या करता है, उस जमाने के 9 करोड़ रुपए एक मकबरे में खर्च कर देता है, जिससे पूरे देश की गरीबी मिट सकती थी। 

मनोज अपनी बातों में आगे कहते हैं- एक तरफ महाराज विक्रमादित्य को देखा, एक तरफ इन लूटेरों, डकैतों को भी देखा। ये भी हमारी बदकिस्तमी थी। चलो ताजमहल बना दिया लेकिन हमें बाएं हाथ से लिखे हुए इतिहास, हमें ये बताने की कोशिश कर रही है कि ये तो मोहब्बत की निशानी है। अच्छा ये मोहब्बत की निशानी है, ये समंदर, ये जमुना का किनारा, ये महल, ये मुनक्कश दरों-दीवार, ये महराब, एक शहंशाह ने दौलत का सहारा लेकर हम गरीबों का उड़ाया है मजाक ये मोहब्बत की निशानी है। 

मुगलों में भड़ास निकालते हुए गीतकार आगे कहते हैं- मुगलों हजारों साल तुम्हारी पैदाइश के पहले हमारे यहां महाकाल का भव्य मंदिर बन चुका था।  जब मुगलों ने दो ईंट जोड़नी नहीं सीखी थी तब हमारे यहां चंदेल राजाओं के बनाए हुए भव्य मंदिर थे। अजंता हमारे यहां, एलोरा हमारे यहां, कोणार्क हमारे यहां और तुमने ढांचा बनाना हमें सिखाया।

मनोज मुंतशिर ने कहा कि जब हमारे यहां भव्य भवन थे, फरजाना में मुगलों के पास एक टॉयलट तक नहीं था। वे कहते हैं- तुम अपने समरकंद और फरजाना में टॉयलेट नहीं बनवा पाए थे हमारे यहां ताजमहल बनवाने आए थे। मनोज मुंतशिर कहते हैं मैं ये बात सच कह रहा हूं, रिसर्च के आधार पर। जब हमारे यहां भव्य मंदिर और भव्य आकृतियां बनी थीं, ये खुले में शौच करते थे, इनकी तो ये कहानी है।

 

Web Title: Manoj Muntashir called Mughals looters furious for calling the Taj Mahal a sign of love

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