शिव की सवारी नंदी पी रहे हैं दूध और पानी, अफवाह सुनकर मंदिर के बाहर लगी भक्तों की भीड़
By एस पी सिन्हा | Published: July 27, 2019 05:23 PM2019-07-27T17:23:25+5:302019-07-27T17:25:33+5:30
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सबसे पहले 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली थी कि गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं.
बिहार में फिर एकबार अफवाहों का बाजार गर्म हुआ और सावन में भगवान शिव की सवारी नंदी के पानी पीने की खबर पाकर लोगों का सैलाब मंदिरों में उमड पड़ा. यह खबर जहानाबाद से भी आई जब एक शिव मंदिर में शिव की सवारी नंदी के जल और दूध ग्रहण करने की खबरें सामने आई.
इसके बाद तो जिसे भी ये खबर लगी वही कटोरी में जल लेकर नंदी के दर्शन को चल पड़ा. इसके पहले ऐसी खबर झारखंड के गुमला जिले में भी फैली थी.
जानिए क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार में यह मामला पहले जहानाबाद शहर के निजामुद्दीनपुर मोहल्ले स्थित शिव मंदिर से फैला. आज सुबह से ही यह खबर फैली कि शिव मंदिरों में स्थापित बसहा बैल यानी नंदी जल ग्रहण कर रहे हैं. देखते ही देखते आस-पास के मोहल्लों में यह खबर आग की तरह फैल गई.
लोगों का हुजूम कटोरियों में जल लेकर मंदिरों की ओर चल पड़ा. इसके बाद देखते हीं देखते राज्य के कई और जिलों से भी ऐसी खबरें आने लगीं. हालांकि यह अभी यह स्पष्ट नही हो सका है कि नंदी के जल ग्रहण करने की खबर कहां से शुरू हुई? लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में अचानक यह बात फैली.
कुछ लोगों ने बताया कि शिव के मंदिर में नंदी मूर्ति जल ग्रहण कर रहे हैं. इसके बाद से ही वहां भक्तों का तांता लगने लगा. मंदिर में मौजूद श्रद्धालु भी ये दावा करने लगे कि उनके हाथ से नंदी की मूर्ति ने जल ग्रहण किया है. यह आस्था है या अंधविश्वास यह कहना मुश्किल है, लेकिन सावन के महीने में ऐसी बातें सामने आने के बाद जनसैलाब उमड पड़ा.
इससे पहले भी फैल चुकी है अफवाह
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सबसे पहले 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली थी कि गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं. देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई थी. न्यूज चैनलों पर अटलजी समेत कई नेता गणेशजी को दूध पिलाते दिख रहे थे. इसके बाद समय-समय पर दूसरे देवी-देवताओं के दूध पीने की खबर भी आती रहीं. जैसे ही गणेशजी के दूध पीने की खबरें फैली, वैज्ञानिकों ने तुरंत यह कहकर रिएक्ट किया कि यह नेचुरल साइंस है. अब ऐसी खबर नंदी के साथ भी सामने आने के बाद लोग इसे आस्था से जोडकर मंदिरों की ओर दौड़ पड़े हैं.